जमशेदपुर,

झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के लगभग 900 शिक्षकों की मार्च माह की सैलरी रोक दी गई है। जिन शिक्षकों का वेतन रोका गया है, वे 1999, 2000, 2004 और 2005 बैच के हैं। जिला प्रशासन ने इन शिक्षकों को पूर्व में गलत तरीके से मिले बंचिंग लाभ (Bunching Benefit) के कारण वेतन भुगतान पर रोक लगाई है। साथ ही बीते वर्षों में दिए गए अतिरिक्त वेतन की रिकवरी (वसूली) की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है।

क्या है पूरा मामला?

वित्त विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इन शिक्षकों को एक जनवरी 2006 से लागू छठे वेतनमान के तहत बंचिंग लाभ गलत तरीके से दे दिया गया था। यह लाभ वेतन की असमानता को दूर करने के लिए अतिरिक्त वेतन वृद्धि (Increment) के रूप में दिया जाता है। अब विभाग का कहना है कि यह लाभ नियमानुसार नहीं था, जिससे करोड़ों की राशि का भुगतान अतिरिक्त हो गया है।

कितनी होगी वेतन कटौती?

शिक्षकों को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि उनके वेतन से अब हर महीने 6000 से 8000 रुपये तक की कटौती की जा सकती है। इसके अलावा, पिछले लगभग 20 वर्षों में जो अतिरिक्त राशि दी गई है, उसकी पूरी रिकवरी की जाएगी। इस निर्णय से शिक्षकों में जबरदस्त तनाव और असंतोष का माहौल बन गया है।

शिक्षकों ने की डीएसई से शिकायत

सैलरी रोकने और रिकवरी की जानकारी मिलने के बाद, कई शिक्षक जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) आशीष पांडेय से मिले और पूरे मामले में अपनी आपत्ति जताई। शिक्षकों ने कहा कि यह फैसला बिना किसी स्पष्ट सूचना के लिया गया, जिससे उनके परिवारों की वित्तीय स्थिति पर भारी असर पड़ा है।

क्या बोले डीएसई?

डीएसई आशीष पांडेय ने कहा कि,

“यह मामला वेतन निर्धारण की विसंगति से जुड़ा है। वित्त विभाग के पत्र के आधार पर शिक्षकों की सेवा पुस्तिका की समीक्षा की जा रही है। डीडीओ को शीघ्र वेतन भुगतान के निर्देश दिए जाएंगे।”

आगे की प्रक्रिया क्या होगी?

फिलहाल विभागीय समीक्षा जारी है। बताया जा रहा है कि जिन शिक्षकों को गलत बंचिंग लाभ मिला है, उनकी सेवा पुस्तिका (Service Book) का गहन परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद ही वेतन भुगतान और रिकवरी की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा।

प्रमुख बिंदु (Key Points):

• पूर्वी सिंहभूम जिले के 900 शिक्षकों की सैलरी रोकी गई।

• 6,000 से 8,000 रुपये की मासिक कटौती तय।

• 20 वर्षों की अतिरिक्त राशि की होगी रिकवरी।

• वेतन निर्धारण में हुई गलती का मामला।

• शिक्षकों में भारी आक्रोश, डीएसई से की शिकायत।

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