रुद्रप्रयाग/रांची

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने शुक्रवार को उत्तराखंड के पवित्र तीर्थस्थल केदारनाथ धाम में अपनी पत्नी एवं गांडेय विधायक कल्पना सोरेन सहित पूरे परिवार के साथ दर्शन कर पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री ने बाबा केदारनाथ से झारखंड राज्य के सतत विकास, शांति, और राज्यवासियों के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री के इस धार्मिक दौरे को निजी एवं आध्यात्मिक यात्रा माना जा रहा है, जहां उन्होंने मंदिर परिसर में विधिवत पूजा करते हुए आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव किया। पूजा के बाद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा, “बाबा केदारनाथ के चरणों में आकर आत्मिक शांति मिलती है। मैंने झारखंड की खुशहाली और यहां के लोगों की उन्नति के लिए प्रार्थना की है।”

पारिवारिक एवं धार्मिक वातावरण

मुख्यमंत्री के साथ उनकी धर्मपत्नी और गांडेय से विधायक कल्पना सोरेन भी उपस्थित थीं। दोनों ने मंदिर परिसर में विशेष पूजा कर बाबा केदारनाथ का आशीर्वाद लिया। पूरे परिवार ने मंदिर प्रांगण में पूजा के बाद कुछ समय ध्यान साधना में भी बिताया। मुख्यमंत्री की यह यात्रा आध्यात्मिक ऊर्जा एवं पारिवारिक सौहार्द का प्रतीक मानी जा रही है।

प्रशासनिक एवं सुरक्षा व्यवस्था रही चाक-चौबंद

मुख्यमंत्री की इस यात्रा के मद्देनजर उत्तराखंड प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन और मंदिर समिति की ओर से पूजा-अर्चना के दौरान विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की गई थी। स्थानीय पुजारियों की अगुवाई में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूजा संपन्न हुई।

राजनीतिक हलकों में भी चर्चा

मुख्यमंत्री की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब झारखंड में राजनीतिक परिदृश्य लगातार बदलाव के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री का यह आध्यात्मिक प्रवास जनभावनाओं से जुड़ने का भी संकेत माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह यात्रा जनता से आत्मिक संबंध स्थापित करने और एक सकारात्मक संदेश देने का माध्यम भी बन सकती है।

निष्कर्ष:

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की केदारनाथ यात्रा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान थी, बल्कि झारखंड की भावी दिशा और विकास को लेकर एक आध्यात्मिक संकल्प भी प्रतीत होती है। उनके द्वारा राज्यवासियों की सुख-समृद्धि की कामना आने वाले समय में राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर असर डाल सकती है।

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