धनबाद
झारखंड के धनबाद जिले के महुदा क्षेत्र स्थित सिंगड़ा बस्ती में एक अवैध गन फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ है। झारखंड एटीएस और पश्चिम बंगाल पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में बुधवार की रात एक मकान से बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए गए। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि यहां भारी पैमाने पर पिस्तौल तैयार की जा रही थी, जिनमें से कुछ का उपयोग बंगाल में आपराधिक घटनाओं में किया गया था।
तीन हजार से अधिक हथियारों का मिला सुराग
संयुक्त टीम ने छापेमारी के दौरान मौके से तैयार और अर्द्धनिर्मित पिस्तौल के अलावा हथियार निर्माण में प्रयुक्त मशीनें और उपकरण भी जब्त किए हैं। बरामद सामग्री में लेथ मशीन, ड्रिल मशीन, बैरल, ग्राइंडर, ग्रुप कटर, गेज, हेक्सा ब्लेड, तांबा, पीतल और अन्य धातुएं शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, प्रारंभिक आंकड़ों में करीब 3,000 हथियार होने की आशंका जताई जा रही है, हालांकि अंतिम पुष्टि जांच के बाद ही होगी।
मुर्शीद अंसारी निकला मास्टरमाइंड, पत्नी समेत पांच गिरफ्तार
इस अवैध गन फैक्ट्री के संचालन के पीछे का मास्टरमाइंड मुर्शीद अंसारी बताया जा रहा है। पुलिस ने उसे उसकी पत्नी हीना परवीन समेत कुल पांच लोगों के साथ गिरफ्तार किया है। सभी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। जांच टीम को शक है कि यह नेटवर्क अंतरराज्यीय है और अन्य राज्यों में भी इसकी कड़ियाँ जुड़ी हो सकती हैं।
बंगाल पुलिस की सूचना पर की गई कार्रवाई
इस ऑपरेशन की शुरुआत पश्चिम बंगाल में हुई एक आपराधिक घटना के बाद हुई, जिसमें प्रयुक्त हथियारों की पहचान महुदा क्षेत्र में बनी पिस्तौल के रूप में हुई। अपराधियों के बयान के आधार पर बंगाल पुलिस ने झारखंड में यह सुराग साझा किया, जिसके बाद स्थानीय पुलिस और झारखंड एटीएस को साथ लेकर संयुक्त छापेमारी की गई।
छापेमारी में बड़ी पुलिस टीम रही शामिल
इस कार्रवाई में बाघमारा डीएसपी पुरुषोत्तम कुमार सिंह की अगुवाई में स्थानीय थाना पुलिस, एटीएस टीम और विशेष बलों की सैकड़ों जवानों की टीम शामिल रही। छापेमारी के दौरान इलाके को पूरी तरह घेराबंदी कर लिया गया था।
निष्कर्ष:
झारखंड में अवैध हथियारों के निर्माण की यह घटना न सिर्फ राज्य के लिए, बल्कि पूरे पूर्वी भारत की सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ा संकेत है। जिस प्रकार पेशेवर ढंग से हथियार बनाए जा रहे थे, वह संगठित अपराध के एक बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करता है। अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस जांच में कितनी बड़ी साजिश का खुलासा होता है।