उत्तराखंड में आज इतिहास रच दिया जाएगा, क्योंकि राज्य समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने इसे लागू करने की पूरी तैयारी कर ली है। इस ऐतिहासिक कदम के तहत सीएम धामी 27 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे सचिवालय में यूसीसी पोर्टल का शुभारंभ करेंगे, जो नागरिकों के इस्तेमाल के लिए तुरंत उपलब्ध होगा।
विशेषज्ञ समिति से लेकर राष्ट्रपति की मंजूरी तक का सफर
धामी सरकार ने 27 मई 2022 को यूसीसी का खाका तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। फरवरी 2024 में समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी, जिसके आधार पर विधेयक विधानसभा में पेश किया गया। विधानसभा से पारित होने के बाद विधेयक को राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा गया, जहां से हरी झंडी मिलने के बाद इसे लागू करने का रास्ता साफ हुआ।
मॉक ड्रिल से दूर की गईं समस्याएं
यूसीसी को लागू करने से पहले सरकार ने मॉक ड्रिल के जरिए इसकी प्रक्रिया का परीक्षण किया। इस दौरान आईं समस्याओं को निपटाने के बाद इसे नागरिकों के लिए पूरी तरह तैयार कर दिया गया है।
पीएम मोदी के दौरे से पहले बड़ा ऐलान
यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देहरादून दौरे से ठीक एक दिन पहले उठाया गया है, जिससे राज्य में चर्चा का माहौल गर्म है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी लागू करना राज्य के विकास और समानता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम है।
समान नागरिक संहिता की खास बातें
समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू करना है, जिसमें धर्म, जाति या लिंग के आधार पर किसी तरह का भेदभाव न हो। उत्तराखंड में इसे लागू करने के लिए डिजिटल पोर्टल की शुरुआत भी की जा रही है, जहां नागरिक इससे जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
यह फैसला न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए मिसाल साबित हो सकता है, क्योंकि यह सरकार की प्रतिबद्धता और प्रशासनिक दक्षता को दर्शाता है।