रांची।
राज्यसभा सांसद एवं झारखंड आंदोलन के प्रणेता दिशोम गुरु श्री शिबू सोरेन के 81वें जन्मदिवस के अवसर पर उनके आवास पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने पुष्पगुच्छ भेंट कर अपने पिता को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और उनके सुदीर्घ जीवन एवं उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अपने पिता से आशीर्वाद लिया और उनके मार्गदर्शन को अपना प्रेरणास्रोत बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “दिशोम गुरु का जीवन संघर्ष, त्याग और समर्पण की अद्वितीय मिसाल है। झारखंड के विकास और आदिवासी समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय है।”
इस अवसर पर झारखंड सरकार के मंत्री इरफान अंसारी और हफीजुल हसन, विधायक बसंत सोरेन और कल्पना सोरेन, मुख्यमंत्री के अन्य परिजन और कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी ने शिबू सोरेन को उनके जन्मदिवस पर बधाई देते हुए उनके स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की कामना की।
कार्यक्रम के दौरान दिशोम गुरु से मिलने आए लोगों ने झारखंड आंदोलन में उनके योगदान को याद किया और उन्हें राज्य के विकास का प्रतीक बताया। उपस्थित जनसमूह ने उनके नेतृत्व और संघर्षों को झारखंड के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बताया।
श्री शिबू सोरेन का राजनीतिक जीवन झारखंड आंदोलन, सामाजिक न्याय और आदिवासी अधिकारों की लड़ाई का पर्याय रहा है। उनकी नेतृत्व क्षमता और संघर्षशीलता ने झारखंड के गठन में अहम भूमिका निभाई। उनके जन्मदिवस पर झारखंड की जनता ने भी सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से शुभकामनाएं प्रेषित कीं।
दिशोम गुरु का योगदान
दिशोम गुरु शिबू सोरेन का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। उन्होंने झारखंड अलग राज्य आंदोलन का नेतृत्व किया और आदिवासी समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया। उनके नेतृत्व में झारखंड ने नई ऊंचाइयों को छुआ है, और आज भी वह राज्य की राजनीति और समाज के लिए प्रेरणा बने हुए हैं।
उनके 81वें जन्मदिवस के इस अवसर पर झारखंड की जनता ने एक बार फिर उनके योगदान और संघर्ष को नमन किया।