रांची: झारखंड राज्य के कल्याण मंत्री श्री चमरा लिंडा ने मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य के सभी जिलों में व्यापक प्रचार-प्रसार का निर्देश दिया। इसके साथ ही, उन्होंने इस योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का समय पर निष्पादन सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया। सोमवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में मंत्री श्री लिंडा ने मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, आश्रम विद्यालय, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ी जाति के लिए आवासीय विद्यालयों की समीक्षा की और अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का प्रचार-प्रसार

कल्याण मंत्री ने मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना को लेकर कहा कि इस योजना का उद्देश्य राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत जिला स्तर पर बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग इससे लाभ उठा सकें। इसके साथ ही, श्री लिंडा ने अधिकारियों से कहा कि इस योजना के तहत प्राप्त आवेदनों का समय पर निष्पादन किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि इस योजना से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को पारदर्शी और प्रभावी बनाया जाए ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति इससे वंचित न रहे।

लाभुकों की सफलता की कहानियाँ

श्री लिंडा ने योजना के सफल लाभुकों की सराहना करते हुए कहा कि उनके द्वारा किए गए कार्यों को प्रेरणा के रूप में लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन लाभुकों ने स्वरोजगार ऋण से अपना व्यवसाय स्थापित किया है, उनकी सफलता की कहानियाँ जिले स्तर पर प्रचारित की जाएं, ताकि अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों को भी प्रेरणा मिले और वे इस योजना से जुड़ सकें। मंत्री ने कहा कि यदि लोग एक-दूसरे की सफलता देखेंगे, तो उन्हें भी रोजगार से जुड़ने की प्रेरणा मिलेगी और वे स्वयं इस योजना से लाभ उठा सकेंगे।

ऋण वितरण की प्रक्रिया पर ध्यान

कल्याण मंत्री ने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत वितरित ऋण समय पर प्राप्त लाभुकों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि यदि कोई जिला ऋण वितरण में विलंब कर रहा है या ऋण की वसूली में कोई समस्या उत्पन्न हो रही है, तो इस पर शीघ्र ध्यान दिया जाए। उन्होंने सभी जिला कल्याण अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे एक सप्ताह के भीतर मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत ऋण वितरण और ऋण वसूली से संबंधित प्रतिवेदन समर्पित करें।

बड़े वाहन ऋण पर विशेष ध्यान

श्री लिंडा ने बैठक में यह भी कहा कि वाहन ऋण वितरण में एक नई नीति बनाई जाए। उन्होंने कहा कि जो लाभुक व्यवसाय के लिए बड़े वाहन खरीदने का इरादा रखते हैं, केवल उन्हें ही वाहन ऋण उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि कई बार देखा जाता है कि लाभुक वाहन ऋण के तहत बड़े वाहन खरीदते हैं, लेकिन वे व्यवसाय से संबंधित नहीं होते। इससे न केवल योजना की प्रभावशीलता कम होती है, बल्कि वित्तीय संसाधनों का भी अनावश्यक उपयोग होता है। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया कि इस प्रक्रिया में सुधार के लिए यदि कोई नीति संशोधन की आवश्यकता हो, तो उसे शीघ्र किया जाए।

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की शुरुआत

इसके अलावा, श्री लिंडा ने राज्य में नए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के संचालन को शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों का उद्देश्य आदिवासी क्षेत्रों के छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है। इन विद्यालयों के निर्माण और संचालन की प्रक्रिया में किसी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए, ताकि छात्रों को समय पर उनकी शिक्षा प्राप्त हो सके। मंत्री ने राज्य सरकार द्वारा संचालित अन्य आवासीय विद्यालयों की भी समीक्षा की और सभी संस्थाओं की कार्यप्रणाली में सुधार करने का निर्देश दिया।

निष्कर्ष

कल्याण मंत्री श्री चमरा लिंडा द्वारा दिए गए इन निर्देशों से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार अपने विभिन्न योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए संकल्पबद्ध है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत स्वरोजगार को बढ़ावा देना और एकलव्य मॉडल विद्यालयों के संचालन में तेजी लाना, इन दोनों ही कदमों से राज्य में शिक्षा और रोजगार की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे। इन योजनाओं के सफल कार्यान्वयन से न केवल राज्य के आर्थिक विकास में मदद मिलेगी, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को भी उनके अधिकार मिल सकेंगे।

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