रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड मंत्रालय में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तथा वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य राज्य के विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा करना और उन्हें बेहतर तरीके से लागू करने के लिए दिशा-निर्देश देना था।

बैठक में हुई चर्चा

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों को राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी। उन्होंने राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं तक लोगों की पहुँच सुनिश्चित करने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने और राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता पर भी चर्चा की।

इसके अलावा, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने इन वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने इन समुदायों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए विभागीय अधिकारियों को अधिक सक्रियता से काम करने का निर्देश दिया।

वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा

वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारियों के साथ हुई चर्चा में मुख्यमंत्री ने राज्य के पर्यावरण संरक्षण के उपायों और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने वन्यजीवों की सुरक्षा, वनों की अंधाधुंध कटाई को रोकने और राज्य में हरियाली को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया।

विभागीय अधिकारियों को दिए निर्देश

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने सभी विभागों के अधिकारियों को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में सुधार की दिशा में तत्पर रहने और योजनाओं के सफल कार्यान्वयन में कोई कोताही न बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य जनहित में योजनाओं को तेजी से लागू करना और प्रत्येक नागरिक को उनकी बुनियादी जरूरतों की पूरी सुविधा प्रदान करना है।

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की यह बैठक राज्य के विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय और कार्यान्वयन को बढ़ावा देने का एक कदम है। राज्य सरकार की यह पहल स्वास्थ्य, कल्याण, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार की दिशा में एक ठोस कदम साबित हो सकती है, जिससे झारखंड राज्य में विकास की गति तेज होगी और समाज के प्रत्येक वर्ग को लाभ मिलेगा।

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