लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह वाहन जांच के दौरान पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी। रांची से गढ़वा जा रही Arsh Travel नामक यात्री बस से 15 लाख रुपये की नकदी बरामद की गई है। चुनावी माहौल में आचार संहिता लागू होने के चलते इस कैश की बरामदगी और भी अहम हो जाती है। नकदी को बस की रेलिंग में छिपाकर रखा गया था, जो पुलिस की पैनी निगाहों से बच नहीं सका।

कैसे हुई नकदी की बरामदगी?

जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने चेक पोस्ट पर वाहनों की नियमित जांच के दौरान बस को रोका और उसकी तलाशी ली। जब बस के अंदर की जांच की गई तो पुलिस को बस की रेलिंग में कुछ संदिग्ध वस्तु दिखाई दी। गहन निरीक्षण करने पर पुलिस ने वहां से 15 लाख रुपये की नकदी बरामद की, जो बड़ी सफाई से छिपाकर रखी गई थी। बरामद किए गए नोटों में 500, 200 और 100 रुपये के नोट शामिल हैं।

आचार संहिता के बीच नकदी का मिलना संदिग्ध

झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू है, जिसके तहत चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी अवैध धन का उपयोग और राजनीतिक दलों द्वारा अनैतिक साधनों का प्रयोग प्रतिबंधित है। ऐसे में इस नकदी का बरामद होना संदेह उत्पन्न करता है। चुनावी माहौल में अक्सर राजनीतिक दल या उम्मीदवार अवैध रूप से नकदी का उपयोग वोटरों को प्रभावित करने के लिए करते हैं।

पैसे के मालिक का पता नहीं

पुलिस ने नकदी जब्त कर ली है, लेकिन अब तक इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है कि यह पैसे किसके हैं और किस उद्देश्य से ले जाए जा रहे थे। बस चालक, कंडक्टर और यात्रियों से पूछताछ की जा रही है, लेकिन अभी तक किसी ने इस रकम की जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस ने यह भी बताया है कि नकदी को इतनी सफाई से छिपाया गया था कि बिना गहन जांच के इसका पता लगाना मुश्किल था।

जांच में जुटी पुलिस

पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। चुनावी माहौल में नकदी का मिलना यह सवाल खड़ा करता है कि कहीं इसका इस्तेमाल मतदाताओं को लुभाने के लिए तो नहीं किया जा रहा था। पुलिस और चुनाव आयोग की टीम इस नकदी के स्रोत का पता लगाने में जुटी है। इसके साथ ही, बैंकिंग अधिकारी और अन्य एजेंसियों की मदद ली जा रही है ताकि यह जानने की कोशिश की जा सके कि क्या इस रकम का कोई राजनीतिक उद्देश्य था।

चुनाव में अवैध धन का उपयोग: एक बड़ी चुनौती

भारत में चुनावी प्रक्रिया के दौरान अवैध धन और संसाधनों का उपयोग एक बड़ी समस्या बनी हुई है। कई बार चुनावी लाभ के लिए उम्मीदवार और राजनीतिक दल अवैध धन का उपयोग कर वोटरों को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं। यह प्रक्रिया चुनावी स्वच्छता को नुकसान पहुंचाती है और लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ होती है।

चुनावी आचार संहिता के तहत किसी भी अवैध गतिविधि पर सख्त निगरानी रखी जाती है, जिसमें नकदी या अन्य मूल्यवान वस्तुओं का अवैध रूप से वितरण शामिल है। इस घटना के बाद पुलिस और चुनाव आयोग दोनों की सतर्कता और भी बढ़ गई है।

चुनाव आयोग की कड़ी निगरानी

चुनावी प्रक्रिया में स्वच्छता बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग ने राज्य भर में विशेष टीमें गठित की हैं, जो अवैध धन, शराब और अन्य संसाधनों के उपयोग पर नजर रख रही हैं। इस घटना के बाद चुनाव आयोग की नजरें और भी सख्त हो गई हैं, और राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी कड़ी जांच की जा रही है।

निष्कर्ष

झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले 15 लाख रुपये नकदी का बस में मिलना गंभीर मामला है, खासकर जब राज्य में आचार संहिता लागू है। चुनाव आयोग और पुलिस इस मामले में पूरी तरह से सक्रिय हैं, और जांच जारी है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जांच के बाद इस नकदी का असली मालिक कौन है और क्या इसका चुनावी प्रक्रिया से कोई संबंध है।

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