बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव क्षेत्र अब गहरे अवदाब में तब्दील हो चुका है और यह तेजी से पूर्वी तट की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि यह अवदाब चक्रवाती तूफान “दाना” में बदल सकता है। इस तूफान के कारण ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में गंभीर स्थिति उत्पन्न होने की संभावना है। इसके प्रभाव से झारखंड के कुछ हिस्सों में भी भारी बारिश और तेज हवाएं चल सकती हैं, जिससे राज्य के नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
तूफान का प्रकोप: 24 से 25 अक्टूबर के बीच तटों पर पहुंचने की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवाती तूफान “दाना” 24 से 25 अक्टूबर के बीच ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों को पार करेगा। इस दौरान इन क्षेत्रों में भारी बारिश और तेज हवाओं का खतरा मंडरा रहा है। तूफान के तट से टकराने के बाद इसके प्रभाव से तटीय इलाकों में जलजमाव और अन्य आपातकालीन परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। संबंधित राज्य सरकारें और प्रशासन पहले से तैयारियों में जुट गई हैं ताकि किसी भी अनहोनी को रोका जा सके।
झारखंड में तूफान का प्रभाव: 24 से 25 अक्टूबर को भारी बारिश की संभावना
झारखंड भी इस चक्रवाती तूफान से अछूता नहीं रहेगा। बंगाल की खाड़ी में बने इस अवदाब का प्रभाव झारखंड के कई हिस्सों में देखने को मिलेगा। मौसम विभाग के अनुसार, 24 से 25 अक्टूबर के बीच राज्य के खासकर दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है। इस दौरान 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की आशंका है, जिससे पेड़ गिरने, बिजली के खंभों के टूटने, और अन्य नुकसान हो सकते हैं।
दक्षिणी और पूर्वी झारखंड के हिस्सों में अलर्ट
विशेष रूप से दक्षिणी और पूर्वी झारखंड के जिलों में भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना अधिक है। राज्य के नागरिकों को चेतावनी दी गई है कि वे इस दौरान सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें और यदि आवश्यक हो तो स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी की गई सलाह का पालन करें। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने भी राहत और बचाव कार्यों के लिए पहले से तैयारी कर ली है ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।
चक्रवाती तूफानों का प्रभाव: जलवायु परिवर्तन की भूमिका
बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफानों का बनना कोई नई बात नहीं है, लेकिन हाल के वर्षों में जलवायु परिवर्तन के कारण इनकी तीव्रता और संख्या में वृद्धि देखी गई है। वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी के कारण समुद्र का तापमान भी बढ़ रहा है, जिससे चक्रवाती तूफानों की ताकत और प्रभाव अधिक हो रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले समय में भी ऐसी आपदाओं की संख्या में वृद्धि हो सकती है, जिससे तटीय क्षेत्रों के निवासियों और प्रशासन को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता होगी।
नागरिकों के लिए सुरक्षा निर्देश
मौसम विभाग और राज्य सरकार ने नागरिकों को इस चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए कुछ जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
- बिजली आपूर्ति की जांच: तूफान के दौरान बिजली कटने की संभावना अधिक होती है, इसलिए जरूरी सामान जैसे मोबाइल, टॉर्च आदि को पहले से चार्ज करके रखें।
- आवश्यक सामग्री का भंडारण: भारी बारिश और जलजमाव के कारण आपातकालीन स्थिति में बाहर जाना मुश्किल हो सकता है, इसलिए जरूरी खाद्य सामग्री और पानी का भंडारण करें।
- अनावश्यक यात्रा से बचें: इस दौरान लंबी या अनावश्यक यात्राओं से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
- तेज हवाओं के दौरान सतर्क रहें: तूफान के समय तेज हवाओं के कारण पेड़ और बिजली के खंभों के गिरने की आशंका रहती है, इसलिए इनसे दूर रहें और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें।
निष्कर्ष
बंगाल की खाड़ी में बने इस चक्रवाती तूफान “दाना” का प्रभाव झारखंड के कई हिस्सों में देखने को मिलेगा। मौसम विभाग और राज्य प्रशासन ने इस तूफान के कारण संभावित भारी बारिश और तेज हवाओं के मद्देनजर अलर्ट जारी किया है। नागरिकों को सतर्क रहने और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है। जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते तूफानों की संख्या को ध्यान में रखते हुए, इस तरह की आपदाओं से निपटने के लिए राज्य और नागरिकों को मिलकर तैयारी करनी होगी।