झारखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान कोडरमा जिले में सोमवार की देर रात पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की। इस छापेमारी में करोड़ों रुपए की नकदी, अफीम और अन्य अवैध सामग्री बरामद की गई। छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में कैश मिलने के बाद नोटों की गिनती के लिए मशीनें मंगवानी पड़ीं। पुलिस ने मौके पर आयकर विभाग की टीम को भी बुलाया, जिससे मामले की जांच को और अधिक गहराई से किया जा सके।

छापेमारी की पूरी घटना

कोडरमा जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) को गुप्त सूचना मिली थी कि ग्राम वृंदा में स्थित सुखदेव रजक के घर पर बड़ी मात्रा में अवैध नकदी और अन्य सामग्री मौजूद है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सोमवार रात करीब 2:00 बजे छापेमारी शुरू की। पुलिस की इस कार्रवाई में स्थानीय SDPO, DSP और आयकर विभाग की टीम भी शामिल थी।

जैसे ही पुलिस ने छापेमारी के दौरान नकदी और अफीम बरामद की, उन्होंने आयकर विभाग को सूचित किया ताकि मामले की जांच गहनता से की जा सके। बताया जा रहा है कि नकदी की गिनती के लिए मशीनों की जरूरत पड़ी, क्योंकि नकदी की मात्रा इतनी अधिक थी कि उसे मैन्युअली गिनना संभव नहीं था।

सुखदेव रजक: आरोपी के बारे में जानकारी

सुखदेव रजक, जिनके घर पर छापेमारी की गई, कोडरमा जिले के बरही क्षेत्र में एक होटल चलाता है। हालांकि पुलिस की अब तक की जांच में यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि उसके खिलाफ छापेमारी क्यों की गई, लेकिन प्राथमिक अनुमान है कि वह अवैध गतिविधियों में संलिप्त हो सकता है। होटल व्यवसाय के साथ-साथ सुखदेव के कुछ अन्य गैर-कानूनी धंधों से जुड़े होने की भी आशंका जताई जा रही है।

चुनाव और अवैध धन की भूमिका

विधानसभा चुनाव के दौरान अक्सर अवैध धन का प्रयोग मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किया जाता है। इसी क्रम में चुनावी आचार संहिता लागू की जाती है ताकि चुनावी प्रक्रिया को स्वच्छ और निष्पक्ष बनाया जा सके। कोडरमा में हुई इस बड़ी छापेमारी से यह स्पष्ट होता है कि चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर अवैध नकदी और अन्य अवैध गतिविधियों का उपयोग हो सकता है। चुनावी माहौल में यह छापेमारी और भी अहम हो जाती है, क्योंकि इससे अवैध धन और संसाधनों के उपयोग का खुलासा होता है।

आयकर विभाग की जांच

पुलिस द्वारा नकदी और अफीम बरामद होने के बाद आयकर विभाग को भी सूचित किया गया। आयकर विभाग की टीम अब इस बात की जांच कर रही है कि बरामद नकदी और अवैध सामग्री किस स्रोत से आई है और इसका उपयोग किस उद्देश्य के लिए किया जा रहा था। खासतौर पर यह देखा जा रहा है कि क्या यह नकदी चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल की जा रही थी या इसके पीछे कोई अन्य अवैध व्यापार चल रहा था।

चुनावों के दौरान सख्त निगरानी

विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसे अवैध धंधों पर चुनाव आयोग और पुलिस की पैनी नजर रहती है। आचार संहिता लागू होने के साथ ही पुलिस और अन्य एजेंसियां अवैध धन, शराब और अन्य सामग्रियों की तस्करी को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही हैं। इस छापेमारी से यह भी स्पष्ट होता है कि झारखंड के कई इलाकों में चुनावी माहौल के बीच अवैध गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं।

निष्कर्ष

कोडरमा जिले में हुई इस छापेमारी ने चुनावी माहौल में अवैध नकदी और अन्य सामग्री के उपयोग के गंभीर खतरे को उजागर किया है। पुलिस और आयकर विभाग की संयुक्त कार्रवाई से यह साफ हो जाता है कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान अवैध साधनों का उपयोग किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस छापेमारी से जहां एक ओर पुलिस की सतर्कता का प्रमाण मिलता है, वहीं दूसरी ओर यह सवाल भी उठता है कि ऐसे और कितने अवैध मामलों का पर्दाफाश होना बाकी है।

आने वाले दिनों में पुलिस और आयकर विभाग की जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि सुखदेव रजक और उनके जैसे अन्य लोग चुनावी प्रक्रिया को किस तरह से प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।

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