झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। राज्य की राजनीति में एक मजबूत स्थिति बनाए रखने के उद्देश्य से भाजपा ने अपनी पूरी मशीनरी को सक्रिय कर दिया है। पार्टी की झारखंड यूनिट ने हर निर्वाचन क्षेत्र से तीन-तीन उम्मीदवारों की सूची तैयार की है, जिसमें संभावित प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं। इन नामों पर अंतिम मुहर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में होने वाली बैठक के बाद लगेगी।

उम्मीदवारों की सूची तैयार, नामों पर जल्द होगी सहमति

सूत्रों के अनुसार, भाजपा की झारखंड इकाई ने प्रत्येक विधानसभा सीट के लिए तीन संभावित उम्मीदवारों की सूची बनाकर तैयार रखी है। ये सूची झारखंड के विभिन्न क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। इस सूची को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सामने प्रस्तुत किया जाएगा, जहां राज्य यूनिट और केंद्रीय नेतृत्व के बीच एक अहम बैठक होगी। इस बैठक के बाद ही यह तय होगा कि किन नामों पर पार्टी अंतिम रूप से सहमति जताएगी।

गठबंधन की संभावनाएं और सीट बंटवारे की चर्चा

भाजपा के चुनावी समीकरण में इस बार सहयोगी दलों की भूमिका भी अहम मानी जा रही है। सूत्रों की मानें तो भाजपा झारखंड में आजसू (ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन) को 9 सीटें, जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) को 2 सीटें और एलजेपी (लोक जनशक्ति पार्टी) को 1 सीट देने की योजना बना रही है। यह सीट बंटवारा जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए किया गया है, ताकि सहयोगी दलों के साथ एक मजबूत गठबंधन तैयार किया जा सके।

भाजपा का चुनावी एजेंडा और रणनीति

भाजपा इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव में विकास और राष्ट्रीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाने की तैयारी कर रही है। पार्टी के प्रमुख मुद्दों में केंद्र की योजनाओं का प्रचार, स्थानीय विकास, रोजगार, और आदिवासी अधिकार शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की नीतियों को जनता तक पहुंचाना और राज्य में उनकी उपलब्धियों को भुनाना भाजपा के चुनावी एजेंडे का हिस्सा होगा।

इसके साथ ही पार्टी झारखंड में आदिवासी और पिछड़ा वर्ग को ध्यान में रखकर खास रणनीति बना रही है। पिछली बार हुए चुनाव में आदिवासी वोट बैंक के खिसकने से भाजपा को नुकसान हुआ था, जिसे इस बार साधने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए पार्टी स्थानीय आदिवासी नेताओं और पिछड़े वर्ग के प्रमुख चेहरों को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतार सकती है।

संगठन में बदलाव और चुनावी कमान

चुनावी तैयारियों के बीच झारखंड में भाजपा के संगठन में भी बदलाव की संभावना जताई जा रही है। पार्टी नेतृत्व संगठनात्मक बदलाव कर चुनावी मशीनरी को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है। इसके तहत कई अनुभवी और युवा नेताओं को अहम जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती हैं, ताकि जमीनी स्तर पर भाजपा की पकड़ और मजबूत हो।

निष्कर्ष

आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए एक बड़ी परीक्षा है, जहां पार्टी को राज्य में अपनी खोई हुई राजनीतिक ताकत वापस पाने का मौका मिलेगा। पार्टी के उम्मीदवारों की सूची और गठबंधन के फैसले इस बात को स्पष्ट करेंगे कि भाजपा इस चुनाव में किस दिशा में आगे बढ़ने वाली है। अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि पार्टी कब अपने उम्मीदवारों की घोषणा करती है और किस रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतरती है।

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