रांची: झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जल जीवन मिशन घोटाले से जुड़े मामलों में छापेमारी के बाद राज्य की राजनीति गरमा गई है। इस छापेमारी में राज्य के मंत्री मिथिलेश ठाकुर और उनके संबंधियों के घर समेत कई जगहों पर कार्रवाई की गई, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, इसे विपक्ष की साजिश करार देते हुए राजनीतिक साजिश का हिस्सा बताया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दी तीखी प्रतिक्रिया
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी की इस छापेमारी को लेकर अपनी नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे चुनावी राजनीति से जोड़ते हुए कहा कि यह छापेमारी कोई अप्रत्याशित घटना नहीं है, बल्कि विपक्ष के इशारे पर की जा रही है। मुख्यमंत्री ने इसे केंद्र सरकार की साजिश बताया और कहा कि जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, तो ऐसी कार्रवाइयां शुरू हो जाती हैं। उनका मानना है कि केंद्र में बैठी सरकार राज्य की जनता के लिए काम कर रही सरकार को अस्थिर करना चाहती है और इस तरह की छापेमारी उसी का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार जनता की भलाई के लिए काम करती रहेगी और विपक्ष की ऐसी साजिशों से उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि वह इन चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि झारखंड की सरकार अपने विकास के एजेंडे पर पूरी ईमानदारी के साथ आगे बढ़े।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की नाराजगी
ईडी की छापेमारी के खिलाफ स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के खिलाफ साजिश रचने की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन इस तरह की कार्रवाइयों से वे घबराने वाले नहीं हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तुलना महाभारत के अर्जुन से करते हुए कहा कि जैसे अर्जुन ने हर चुनौती का सामना किया था, वैसे ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी हर राजनीतिक चुनौती का सामना करेंगे और विजयी होंगे।
बन्ना गुप्ता ने यह भी कहा कि राज्य की सरकार अपने विकास के एजेंडे पर काम कर रही है और इस तरह की जांच और छापेमारी से वे विचलित नहीं होंगे। उनका मानना है कि विपक्ष द्वारा यह साजिश झारखंड के विकास कार्यों को बाधित करने के लिए की जा रही है, लेकिन वे इसमें सफल नहीं होंगे।
ईडी की छापेमारी और जल जीवन मिशन घोटाला
प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने सोमवार को जल जीवन मिशन घोटाले से जुड़े मामलों में राज्य के मंत्री मिथिलेश ठाकुर और उनके करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की। रांची और चाईबासा समेत 20 से अधिक स्थानों पर हुई इस छापेमारी में जल जीवन मिशन योजना से जुड़े कई अधिकारियों और अभियंताओं के ठिकानों की भी तलाशी ली गई।
ईडी की इस छापेमारी में कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। जल जीवन मिशन योजना के तहत करोड़ों रुपए की कथित अनियमितताओं और घोटाले के मामले में यह कार्रवाई की गई है। इस मामले में जल जीवन मिशन के कैशियर संतोष कुमार की अवैध निकासी की जांच के आधार पर पहले ही कई अधिकारियों पर सवाल उठाए जा चुके हैं।
राजनीतिक माहौल गरमाया
ईडी की इस छापेमारी के बाद झारखंड का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। विपक्षी दलों ने जहां इस कार्रवाई का समर्थन किया है और इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का हिस्सा बताया है, वहीं सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस पार्टी ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी सरकार के मंत्री इसे केंद्र सरकार की साजिश बता रहे हैं, जो राज्य की स्थिरता और विकास को रोकने का प्रयास कर रही है।
विपक्ष का कहना है कि ईडी की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ की जा रही है और इसमें दोषियों को बचने का कोई मौका नहीं मिलेगा। वहीं, सत्ताधारी दल इसे राजनीतिक हथकंडा बताकर इससे निपटने की तैयारी कर रहे हैं।
निष्कर्ष
झारखंड में ईडी की छापेमारी ने राजनीतिक हलचल को और बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इसे राजनीतिक साजिश का हिस्सा बताया है और राज्य सरकार पर हो रहे हमलों का सामना करने का संकल्प जताया है। ईडी की यह कार्रवाई जल जीवन मिशन घोटाले से जुड़ी है, जिसमें करोड़ों रुपए की अनियमितताएं सामने आई हैं। राज्य में सत्ता और विपक्ष के बीच यह टकराव आने वाले समय में और भी तेज हो सकता है।