झारखंड में हाल ही में निर्मित पहली आठ लेन सड़क का उद्घाटन महज तीन हफ्ते पहले हुआ था, लेकिन ‘दाना’ तूफान और लगातार हो रही बारिश ने इस सड़क पर फिर से समस्याएं खड़ी कर दी हैं। उद्घाटन के बाद से यह दूसरी बार है जब सड़क के कुछ हिस्से धंस गए हैं। इस बार झारखंड मोड़ से तेतुलमारी जाने वाली सड़क पर धारजोड़ी बस्ती के समीप सर्विस लेन की सड़क लगभग आठ मीटर गहराई में धंस गई, जिससे क्षेत्र में यातायात पर असर पड़ा है।

सड़क निर्माण में 461 करोड़ की लागत

झारखंड की इस ऐतिहासिक आठ लेन सड़क को बनाने में कुल 461 करोड़ रुपए का खर्च आया है। इस सड़क का उद्घाटन 4 अक्टूबर 2024 को किया गया था, जिसे क्षेत्र में यातायात की सुविधा बढ़ाने और लोगों की यात्रा को सुगम बनाने के उद्देश्य से बनाया गया था। सड़क की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों के दावों के बावजूद, यह दूसरी बार है जब इस सड़क में दरारें और धंसने जैसी समस्याएं देखने को मिली हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार ‘दाना’ तूफान और लगातार बारिश की वजह से यह घटना हुई है, लेकिन सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या सड़क का निर्माण मानकों के अनुसार किया गया था या नहीं।

हादसे का स्थान और सड़क का धंसना

जहां सड़क धंसी है, वह लगभग 8-10 मीटर गोलाकार और आठ मीटर गहरा है। इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने जगह को बंद कर दिया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। इस क्षेत्र के लोगों के अनुसार, सड़क निर्माण के समय इस हिस्से में पानी का जमाव होने की समस्या पहले से ही थी। लेकिन फिर भी इस जगह पर उचित जल निकासी की व्यवस्था नहीं की गई थी, जिससे भारी बारिश के कारण सड़क का हिस्सा कमजोर हो गया और धंस गया।

स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया

धारजोड़ी बस्ती के निवासियों का कहना है कि यह सड़क उनके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उनका सफर आसान और तेज हो जाता है। लेकिन बार-बार सड़क के धंसने की घटनाओं से वे चिंता में हैं। उनका कहना है कि सरकार को इस समस्या का स्थायी समाधान निकालना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। स्थानीय निवासी सड़क के धंसने से परेशान हैं और उनका कहना है कि इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बावजूद सड़क की गुणवत्ता सवालों के घेरे में है।

निर्माण में हुई लापरवाही पर उठे सवाल

विशेषज्ञों का मानना है कि इस सड़क के निर्माण में लापरवाही बरती गई हो सकती है, क्योंकि केवल तीन सप्ताह में दो बार धंसने जैसी घटनाएं किसी भी सड़क की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े करती हैं। यदि निर्माण में गुणवत्ता मानकों का पालन सही से नहीं किया गया, तो आगे चलकर यह सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है। इसके अलावा, लगातार बारिश और जल निकासी के अभाव के कारण सड़क पर भारी दबाव पड़ता है, जिससे इसके धंसने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

प्रशासन और संबंधित विभाग की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद सड़क निर्माण विभाग और प्रशासन की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और शुरुआती जांच के लिए एक टीम गठित की है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सड़क के धंसने के कारणों का पता लगाया जा रहा है और जरूरत पड़ने पर इस हिस्से की मरम्मत का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

‘दाना’ तूफान के प्रभाव पर विशेषज्ञों का विश्लेषण

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, ‘दाना’ तूफान ने पूरे झारखंड में काफी नुकसान पहुंचाया है। भारी बारिश और तूफानी हवाओं ने झारखंड की कई सड़कों को प्रभावित किया है। इस सड़क के धंसने का मुख्य कारण भी लगातार हो रही बारिश है, जिससे सड़क की नींव पर दबाव बढ़ा और वह धंस गई। हालांकि, यह भी जरूरी है कि सड़क निर्माण में ऐसे मानकों का पालन किया जाए, जो इन प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर सकें।

निष्कर्ष

झारखंड की पहली आठ लेन सड़क का धंसना एक गंभीर मामला है, जो न केवल राज्य की आधारभूत संरचना पर सवाल खड़े करता है बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा पर भी असर डालता है। सरकार और संबंधित विभाग को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए और सड़क निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्रियों और तकनीकों की गुणवत्ता की जांच करनी चाहिए। साथ ही, इस सड़क को भविष्य में तूफान, बारिश और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव से बचाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता है।

यह घटना राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण सड़कों और आधारभूत ढांचे की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों की पुनः समीक्षा की जरूरत को उजागर करती है।

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