सोमवार, 21 अप्रैल 2025 की तड़के लगभग 05:30 बजे झारखंड के बोकारो जिले स्थित लालपनिया के लुगु हिल्स में सीआरपीएफ कोबरा कमांडो और झारखंड पुलिस की संयुक्त कार्रवाई शुरू हुई। रुक–रुक कर लगातार दो घंटे तक चली इस मुठभेड़ में अब तक आठ नक्सली ढेर हो चुके हैं। दोनों ओर से कोई घायल सुरक्षा जवानों की रिपोर्ट नहीं आई है, जिससे यह साफ़ है कि ऑपरेशन योजनाबद्ध तरीके से संचालित हुआ।
बरामद हथियारों का ब्यौरा
घटना स्थल से अभियानों में शामिल कमांडो ने निम्नलिखित अत्याधुनिक एवं देशी हथियार बरामद किए:
- एक AK सीरीज़ राइफल
- एक SLR
- तीन INSAS राइफलें
- एक पिस्तौल
- आठ देशी भरमार राइफलें
ये भारी हथियार बड़े पैमाने पर मिलिशिया गतिविधियों के संकेत हैं और आगे की सुरक्षा तैयारियों में अहम भूमिका निभाएंगे।
इनामी माओवादी “विवेक” की भूमिका
बोकारो डीजीपी के अनुसार, मुठभेड़ में मारा गया प्रमुख सूत्रधार “विवेक” था, जिसपर केंद्र व राज्य सरकार ने ₹1 करोड़ का इनाम घोषित किया था। विवेक को स्थानीय नेटवर्क के सिंहावलोकन, रणनीति निर्माण और हथियार तक पहुंच का प्रमुख कड़ी माना जाता था। उसकी मौत देशव्यापी नक्सली दड़पों के लिए बड़ा झटका साबित होगी।
सुरक्षा बलों की रणनीति
COBRA कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन की फोर्सेज़ ने गुरिल्ला युद्ध तकनीकों का सफलतापूर्वक उपयोग किया। कंटीली जंगल ऊबड़-खाबड़ इलाक़े में घेराबंदी कर कमांडो ने नक्सलियों को चकमा दिए बगैर घेर लिया। झारखंड पुलिस के साथ समन्वित रेड टीम ने सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर छापेमारी की, जिससे कोई भी सुरक्षाधिकारी घायल हुए बगैर मिली भगत रुक-रुककर फायरिंग खत्म कराई गई।
केंद्र सरकार का बयान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर इस कार्रवाई की सराहना की और सभी शेष नक्सलियों से 31 मार्च 2026 से पहले सरेंडर पॉलिसी अपनाकर मुख्यधारा में लौटने की अपील दोहराई। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद अब मात्र चार जिलों तक सीमित रह गया है और सरकार इसे पूरी तरह जड़ से खत्म करने के प्रति प्रतिबद्ध है।
आगे की जांच एवं स्थिति
मुठभेड़ स्थल पर अभी व्यापक सर्च ऑपरेशन जारी है। बरामद हथियारों की फोरेंसिक जाँच, मारे गए नक्सलियों की पहचान और उनके नेटवर्क का विश्लेषण अगले कदम होंगे। ज़मीनी खुफिया और मोबाइल कॉल डेटा की पड़ताल से संभव है कि इस हमले के पीछे की पूरी साजिश उजागर हो।