रांची: राजधानी के हरमू रोड स्थित ‘स्पर्श’ स्पा सेंटर के खिलाफ दर्ज एफआईआर के बावजूद कार्रवाई के नाम पर अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है। पुलिस की निष्क्रियता और केस की सुपरवाइजरी प्रक्रिया के इंतजार में पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया है। बीते हफ्ते सुखदेवनगर थाना में ‘स्पर्श’ स्पा संचालक संतन कुमार गुप्ता और मनीष कुमार वर्णवाल के खिलाफ प्राथमिकी संख्या 502/24 दर्ज की गई थी। इस एफआईआर में आरोप लगाया गया कि दोनों संचालक अपने स्पा में ग्राहकों से जबरन देह व्यापार करवा रहे थे। लेकिन, इतने गंभीर आरोपों के बावजूद अब तक पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
घटना की पृष्ठभूमि:
हरमू रोड स्थित स्पा सेंटर में एक युवती ने आत्महत्या करने की कोशिश की थी, जिसके बाद मामला प्रकाश में आया। पीड़ित युवती ने पुलिस को बताया कि उसे और एक अन्य युवती को स्पा संचालक संतन कुमार गुप्ता और मनीष कुमार वर्णवाल देह व्यापार करने के लिए बाध्य कर रहे थे। युवती ने बार-बार विरोध करने के बावजूद, दोनों संचालकों ने उसे धमकाया कि अगर उसने उनकी बात नहीं मानी, तो उसे कोई पैसा नहीं मिलेगा। इसके बाद, युवती ने आत्महत्या का प्रयास किया और पुलिस को इस पूरे मामले की जानकारी दी।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल:
एफआईआर दर्ज होने के बावजूद, अब तक सुखदेवनगर थाना की पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है। पुलिस न तो आरोपियों की लोकेशन का पता लगा पाई है और न ही उन्हें पकड़ने का कोई प्रयास किया है। जब इस मामले में थाना प्रभारी से पूछताछ की गई, तो जवाब मिला कि कोतवाली डीएसपी इस केस की सुपरवाइजरी करेंगे, और उनके आदेश का इंतजार किया जा रहा है।
इस मामले में पुलिस की निष्क्रियता और ढिलाई पर सवाल उठना लाजिमी है। अगर पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया होता, तो अब तक दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी होती। स्थानीय लोगों का मानना है कि राजनीतिक दबाव के कारण पुलिस इस मामले में हाथ नहीं डाल रही है, क्योंकि संतन कुमार गुप्ता एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं।
सामाजिक और कानूनी प्रभाव:
यह घटना केवल एक आपराधिक मामला नहीं है, बल्कि समाज में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार और शोषण की ओर भी इशारा करती है। स्पा सेंटर जैसी जगहों पर देह व्यापार और महिलाओं का शोषण गंभीर अपराध हैं, और पुलिस को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इस मामले में युवती ने जिस प्रकार की पीड़ा और दबाव का सामना किया, वह हमारे समाज की उन कमजोरियों को उजागर करता है, जिन्हें जल्द से जल्द दूर किया जाना चाहिए।
आगे की राह:
अब देखना यह है कि सुखदेवनगर पुलिस और रांची प्रशासन इस मामले में कब और क्या कार्रवाई करते हैं। पीड़ित युवती के बयान और दर्ज एफआईआर के आधार पर दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी जरूरी है, ताकि न्याय मिल सके और अन्य महिलाओं के साथ ऐसा अन्याय न हो। पुलिस को इस मामले को त्वरित गति से सुलझाना चाहिए और दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
इसके साथ ही, समाज में इस तरह की घटनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने और महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की भी जरूरत है। यदि पुलिस और प्रशासन ने इस मामले में और देरी की, तो यह न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करेगा, बल्कि समाज में अपराधियों को बढ़ावा भी देगा।
निष्कर्ष:
‘स्पर्श’ स्पा सेंटर का मामला रांची में एक महत्वपूर्ण अपराध के रूप में उभर कर सामने आया है। पुलिस की निष्क्रियता और राजनीतिक दबाव के कारण अब तक आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। इस घटना ने हमारे समाज में व्याप्त अपराधियों की शक्ति और पुलिस की कमजोरियों को उजागर किया है।