रांची: भोजपुरी के प्रसिद्ध गायक पवन सिंह ने मंगलवार की रात रांचीवासियों को अपने भक्ति गीतों से मंत्रमुग्ध कर दिया। चंद्रशेखर आजाद पूजा पंडाल, अल्बर्ट एक्का चौक में आयोजित इस कार्यक्रम में पवन सिंह ने मां दुर्गा की आराधना करते हुए कई लोकप्रिय भजनों की प्रस्तुति दी। भक्तों के बीच उनके भजनों की धुन पर झूमने का जोश और उत्साह देर रात तक बना रहा।

कार्यक्रम की शुरुआत और पवन सिंह की भक्ति प्रस्तुतियां:

हालांकि कार्यक्रम की शुरुआत शाम 8 बजे होनी थी, लेकिन भारी बारिश के कारण यह रात 11 बजे शुरू हो सका। इसके बावजूद, पवन सिंह के प्रशंसक और श्रद्धालु समय से पहले ही आयोजन स्थल पर जमा होने लगे थे। जैसे ही पवन सिंह मंच पर आए, पूरा पंडाल “जय मां दुर्गा” के जयकारों से गूंज उठा। श्रद्धालुओं में उनके करीब पहुंचने की होड़ मच गई, लेकिन सिक्योरिटी ने स्थिति को संभालते हुए लोगों को मंच के पास जाने से रोक दिया।

पवन सिंह ने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत मशहूर भजन “छोटी रे मोटी निमिया के गछिया…” से की, जिसने भक्तों का दिल जीत लिया। इसके बाद उन्होंने “शक्ति बान लागल लक्ष्मण के…” और कई अन्य भक्तिपूर्ण गीतों की प्रस्तुति दी। उनकी भावपूर्ण आवाज और भक्ति गीतों की धुनों ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। श्रोताओं ने उनके हर गीत पर ताली बजाकर उनका स्वागत किया और उनकी धुनों पर झूमने लगे।

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पवन सिंह के भजनों का प्रभाव:

पवन सिंह के गीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं थे, बल्कि भक्तों को मां दुर्गा के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने का माध्यम भी बने। उनके गाए गए भजन श्रद्धालुओं के दिलों को छू गए और हर कोई उनके भक्ति गीतों में खो सा गया। “छोटी रे मोटी निमिया के गछिया…” जैसे पारंपरिक गीतों ने न केवल भोजपुरी संस्कृति की झलक दी, बल्कि भक्तों को मां दुर्गा के चरणों में समर्पित होने का अहसास कराया।

भक्ति गीतों के साथ-साथ पवन सिंह ने अपने व्यक्तिगत अनुभव भी साझा किए, जिससे श्रोताओं को एक व्यक्तिगत जुड़ाव महसूस हुआ। उनकी प्रस्तुति ने इस बात को स्पष्ट किया कि भक्ति संगीत किस प्रकार एक गायक और उसके श्रोताओं के बीच एक अनोखा आध्यात्मिक संबंध स्थापित कर सकता है।

श्रद्धालुओं का जोश और उत्साह:

रात के देर होने के बावजूद, पंडाल में भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ। श्रद्धालु पूरे कार्यक्रम के दौरान भक्ति गीतों पर झूमते रहे। पंडाल के हर कोने से “जय मां दुर्गा” और “हर हर महादेव” के जयकारे गूंजते रहे। पवन सिंह की आवाज ने माहौल को ऐसा भक्तिमय बना दिया कि हर कोई उनके भजनों में डूब गया। उनकी प्रस्तुति का हर पल खास था, और श्रद्धालुओं ने उन्हें खुले दिल से सराहा।

सुरक्षा और व्यवस्था:

कार्यक्रम में भारी भीड़ के बावजूद सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस और आयोजकों की ओर से की गई व्यवस्था के कारण किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं हुई। पवन सिंह के मंच पर आने के बाद सिक्योरिटी ने लोगों को संभाला और सुनिश्चित किया कि हर कोई सुरक्षित रहे और कार्यक्रम का आनंद ले सके।

निष्कर्ष:

पवन सिंह का यह भक्तिपूर्ण कार्यक्रम न केवल रांचीवासियों के लिए एक संगीतात्मक अनुभव था, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा भी साबित हुआ। उनके भजनों ने श्रद्धालुओं को मां दुर्गा के चरणों में समर्पित किया और पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। पवन सिंह ने अपनी गायकी से यह साबित कर दिया कि वह केवल भोजपुरी के सुपरस्टार नहीं, बल्कि भक्ति संगीत में भी एक अलग पहचान रखते हैं।

इस कार्यक्रम ने रांचीवासियों के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ी, और उनकी आवाज की गूंज देर रात तक श्रद्धालुओं के कानों में गूंजती रही।

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