रांची: झारखंड आंदोलन के प्रणेता और वीर शहीद निर्मल महतो की 74वीं जयंती के अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के शहीद निर्मल महतो चौक पर स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने झारखंड के निर्माण में उनके योगदान को याद किया और राज्य के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को सराहा।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, “निर्मल महतो न केवल झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता थे, बल्कि उन्होंने अपने संघर्षों और बलिदान से आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया। उनका बलिदान हमें राज्य के गरीब, वंचित और पिछड़े वर्गों के लिए काम करने की प्रेरणा देता है।”

झारखंड आंदोलन में निर्मल महतो का योगदान

निर्मल महतो झारखंड आंदोलन के उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने झारखंड को एक अलग राज्य का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष किया। उनका मानना था कि राज्य के संसाधनों का लाभ यहां के मूलवासियों और आदिवासियों को मिलना चाहिए। उन्होंने अपनी युवावस्था से ही सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों में भाग लेना शुरू कर दिया था और अपनी आखिरी सांस तक झारखंड के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी।

श्रद्धांजलि सभा में अन्य नेता भी हुए शामिल

इस अवसर पर राज्य के कई वरिष्ठ नेता, झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। सभी ने निर्मल महतो के संघर्षों को याद किया और उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान झारखंड के विकास और सामाजिक न्याय की दिशा में काम करने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निर्मल महतो के सपनों को साकार करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

आम जनता में उत्साह

शहीद निर्मल महतो चौक पर बड़ी संख्या में लोग जुटे और उनके योगदान को याद करते हुए नारे लगाए। झारखंड के विभिन्न हिस्सों में भी उनकी जयंती के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

निर्मल महतो की जयंती झारखंड के इतिहास और संस्कृति के प्रति राज्य की जनता के जुड़ाव को और मजबूत करती है। उनका जीवन संघर्ष और बलिदान का प्रतीक है, जो हमेशा झारखंडवासियों के दिलों में जिंदा रहेगा।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version