रांची/नेमरा
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी समाज के सर्वोच्च नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन मंगलवार को अपने पैतृक गांव नेमरा में राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके पार्थिव शरीर को रांची के मोरहाबादी स्थित सरकारी आवास से अंतिम यात्रा के लिए रवाना किया गया।
यह विदाई यात्रा सबसे पहले झारखंड विधानसभा पहुंची, जहां भावुक माहौल में कई गणमान्य जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी।
विधानसभा परिसर से लेकर नेमरा तक, रास्ते भर “गुरु जी अंतिम जोहार” और “विनम्र श्रद्धांजलि” जैसे बड़े-बड़े होर्डिंग उनकी स्मृतियों को जीवंत करते रहे। मोरहाबादी से लेकर नेमरा तक हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी — हर कोई दिशोम गुरु को अंतिम बार निहारने और श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए वहां मौजूद था।
शिबू सोरेन का जीवन आदिवासी समाज के संघर्ष, अधिकारों की लड़ाई और झारखंड निर्माण आंदोलन का प्रतीक रहा है। उनका जाना एक युग का अंत है, जिसे शब्दों में समेटना मुश्किल है।
राजकीय सम्मान के अंतर्गत उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की गई।
राहुल गांधी समेत कई दिग्गज नेता अंतिम संस्कार में हुए शामिल

दिशोम गुरु शिबू सोरेन के पैतृक गांव नेमरा में हुए राजकीय सम्मान के अंतिम संस्कार में देश के कई दिग्गज नेता शामिल हुए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नेमरा पहुंचकर गुरुजी को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवारजनों से मिलकर संवेदना प्रकट की।
उनके अलावा झामुमो कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन, राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन, भाजपा, कांग्रेस और अन्य दलों के वरिष्ठ नेता, तथा केंद्र व राज्य सरकारों के कई मंत्री भी अंतिम संस्कार में उपस्थित रहे।
सभी नेताओं ने दिशोम गुरु के संघर्षमयी जीवन को याद करते हुए उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनका जीवन आदिवासी चेतना, आत्मसम्मान और न्याय की लड़ाई का प्रतीक है।