प्रशांत किशोर को कोर्ट से जमानत, अनशन जारी रखने का ऐलान
पटना: जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर को बीपीएससी परीक्षा में अनियमितताओं के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने हिरासत में लिया था। बाद में कोर्ट ने उन्हें बिना शर्त जमानत दे दी। जेल से बाहर आते ही प्रशांत किशोर ने कहा, “मेरा अनशन जारी था, जारी है और जारी रहेगा।”
प्रशांत किशोर ने प्रेस वार्ता में राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीपीएससी घोटाले में 1,000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी नौकरियों को करोड़ों में बेचा गया और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। उन्होंने वादा किया कि अनियमितताओं के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी और छात्रों को हर संभव कानूनी सहायता दी जाएगी।
गांधी मैदान से शुरू हुआ सत्याग्रह यहीं खत्म होगा
प्रशांत किशोर ने दोहराया कि यह आंदोलन गांधी मैदान से ही समाप्त होगा। उन्होंने कहा, “यह बिहार के युवाओं की जिद है। जन बल के आगे कोई ताकत नहीं है।” उन्होंने युवा संघर्ष समिति की बैठक की घोषणा की, जिसमें आंदोलन के अगले कदम तय किए जाएंगे।
नीतीश सरकार और विपक्ष पर निशाना
प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को “शारीरिक और मानसिक तौर पर थका हुआ” बताते हुए कहा कि तेजस्वी यादव और राहुल गांधी को ट्वीट करने के बजाय युवाओं की इस लड़ाई का नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने CPI(ML) का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके कार्यकर्ता ही गंभीरता से सड़क पर संघर्ष कर रहे हैं।
आंदोलन का राजनीतिक प्रभाव
यह सत्याग्रह बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर रहा है। किशोर का आक्रामक रुख विपक्ष को चुनौती देने और युवाओं को अपने अभियान से जोड़ने की कोशिश दिखा रहा है। यह आंदोलन आने वाले समय में राज्य की राजनीति का बड़ा मुद्दा बन सकता है.