प्रकृति पूजा करम पर्व झारखंड के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह पर्व केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह प्रकृति और मानव जीवन के बीच की गहरी संबंध को दर्शाता है। हाल ही में झारखंड के मुख्यमंत्री, हेमंत सोरेन ने इस अवसर पर राज्यवासियों को ट्विटर के माध्यम से बधाई दी और सभी को शुभकामनाएं और जोहार प्रेषित किया। उन्होंने इस पर्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे भाई-बहन के अटूट स्नेह और सम्मान का प्रतीक बताया।
करम पर्व का महत्व
करम पर्व झारखंड के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो खासकर आदिवासी समुदाय द्वारा बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व प्रकृति की पूजा और उसके साथ मानव जीवन की एकरूपता का संदेश देता है। करम देव की पूजा मुख्य रूप से फसलों और हरियाली से जुड़ी होती है, जो यह बताती है कि हमारी संस्कृति में प्रकृति के साथ गहरा संबंध है।
हेमंत सोरेन ने इस पर्व को हमारी समृद्ध संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक कहा। उन्होंने अपने संदेश में इस पर्व के सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व को भी रेखांकित किया, जिसमें भाई-बहन के बीच स्नेह और सम्मान का भाव होता है। करम पर्व के दौरान भाई अपनी बहनों के सम्मान और उनके सुखी जीवन की कामना करते हैं, जबकि बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए करम देवता से प्रार्थना करती हैं। इस परंपरा में स्नेह और सम्मान के साथ-साथ समाज में आपसी सद्भाव और भाईचारे को भी महत्व दिया जाता है।
पर्यावरण और संस्कृति की समृद्धि
प्रकृति पूजा करम पर्व एक ऐसा अवसर है जब लोग पेड़-पौधों की पूजा कर प्रकृति के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं। यह पर्व हमारी संस्कृति में प्रकृति और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संदेश में यह कामना की कि यह पर्व सभी के जीवन में खुशियां लेकर आए और हर किसी को स्वस्थ, सुखी और समृद्ध बनाए। उनका यह संदेश प्रकृति के संरक्षण और उसकी अहमियत को स्वीकारने का एक प्रेरणादायक संदेश भी है।
करम पर्व का आयोजन
झारखंड और आसपास के राज्यों में करम पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। लोग करम पेड़ की डाल को काटकर उसकी पूजा करते हैं, और पारंपरिक गीत और नृत्य के साथ त्योहार की खुशी मनाते हैं। यह पर्व खेती और फसल की शुरुआत का प्रतीक होता है, इसलिए इसे एक कृषि आधारित पर्व भी माना जाता है। लोग करम देवता की कृपा से अच्छी फसल और खुशहाल जीवन की कामना करते हैं।
हेमंत सोरेन की शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पर्व पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व सभी के जीवन में खुशियां लाए, और वे स्वस्थ, सुखी और समृद्ध रहें। उनका यह संदेश राज्य के लोगों के प्रति उनके प्रेम और उनकी भलाई की कामना को दर्शाता है।
निष्कर्ष
प्रकृति पूजा करम पर्व न केवल झारखंड की संस्कृति और परंपरा को जीवंत बनाए रखता है, बल्कि यह पर्यावरण के प्रति हमारे कर्तव्यों को भी याद दिलाता है। इस पर्व के माध्यम से हमें यह सीखने को मिलता है कि प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर कैसे हम अपने जीवन को खुशहाल और समृद्ध बना सकते हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का यह संदेश हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर के प्रति गर्व महसूस कराता है और हमें प्रकृति और समाज दोनों के प्रति अपने उत्तरदायित्व को समझने की प्रेरणा देता है।