प्रयागराज, 2025: महाकुंभ का सातवां दिन अद्भुत आध्यात्मिक और धार्मिक अनुभवों से भरा रहा। नागा संन्यासियों की आधी रात दीक्षा, करोड़ों श्रद्धालुओं का स्नान, और सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों ने मेले की गतिविधियों को खास बना दिया।
नागा संन्यासियों को दी गई दीक्षा
आधी रात संगम तट पर जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने नागा संन्यासियों को दीक्षा दी। यह प्रक्रिया संगम की पवित्र बालू पर कड़ी सर्दी में संपन्न हुई। नागा संन्यासियों को जल, वायु और अग्नि को महसूस कराया गया, जो सनातन परंपराओं में तत्वों के महत्व का प्रतीक है। यह दीक्षा प्रक्रिया भारतीय आध्यात्मिक संस्कृति की गहराई को दर्शाती है।
श्रद्धालुओं का स्नान जारी
महाकुंभ के सातवें दिन सुबह 10 बजे तक 22.70 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। अब तक कुल 7.72 करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। हर दिन मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है।
सुरक्षा का उल्लंघन और चुनौती
महाकुंभ के सेक्टर-6 में एक अप्रत्याशित घटना ने माहौल को भावुक और चिंताजनक बना दिया।
- बालू समतल करने के दौरान लाल कपड़े में लिपटा एक नवजात का शव मिला।
- पुलिस के अनुसार शव लगभग 10 दिन पुराना है। इस घटना ने श्रद्धालुओं और अधिकारियों को झकझोर दिया।
इसके अतिरिक्त, रात 10 बजे बम की सूचना ने महाकुंभ क्षेत्र में अफरा-तफरी मचा दी।
- यह सूचना शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के शिविर में दी गई।
- पुलिस और सुरक्षा बल तुरंत मौके पर पहुंचे।
- गहन छानबीन के बावजूद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, और सूचना को झूठा पाया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुंभ में शामिल हुए। उन्होंने:
- कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की।
- मौनी अमावस्या अमृत स्नान की तैयारियों की समीक्षा की।
- मेले की व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
निष्कर्ष
महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है। नागा संन्यासियों की दीक्षा से लेकर श्रद्धालुओं की आस्था और सुरक्षा संबंधी चुनौतियों तक, हर पहलू महाकुंभ को खास बनाता है। प्रशासन और सुरक्षा बलों के प्रयासों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि यह आयोजन सफल और सुरक्षित हो।