प्रयागराज में मौनी अमावस्या से एक दिन पहले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने प्रशासन की चुनौतियां बढ़ा दी हैं। रातभर प्रशासनिक और सुरक्षा अधिकारियों ने लगातार मीटिंग कर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों पर चर्चा की। एडीजी जोन भानु भास्कर और कमिश्नर ने सुबह सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों की इमरजेंसी बैठक बुलाई, जिसमें डीएम, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, पुलिस और रेलवे विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

भीड़ प्रबंधन के लिए उठाए गए कदम

शहर में स्थिति यह है कि सड़कें और गलियां पूरी तरह से श्रद्धालुओं से भर गई हैं। श्रद्धालुओं को स्टेशन और पार्किंग से संगम तक पहुंचने के लिए 15-20 किमी तक पैदल चलना पड़ रहा है। जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाई गई है, जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। हालांकि, कई स्थानों पर श्रद्धालुओं ने बैरिकेडिंग तोड़ दी, जिससे जाम की स्थिति और गंभीर हो गई।

संगम क्षेत्र में विशेष व्यवस्था:

• संगम के आधे हिस्से को सील कर दिया गया है।

• पांटून पुल 13 को छोड़कर बाकी सभी पुल बंद कर दिए गए हैं।

• अखाड़ों के स्नान के लिए पुलों को केवल अगले दिन खोला जाएगा।

• पीपा पुल पर वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है और पुलों की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ तैनात है।

श्रद्धालुओं के लिए दिशा-निर्देश

प्रशासन ने संगम क्षेत्र की ओर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

• वाराणसी और जौनपुर की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं को झूंसी के एरावत घाट पर स्नान करने को कहा गया है।

• मिर्जापुर, चित्रकूट और रीवा की ओर से आने वाले लोग अरैल घाट पर स्नान कर सकते हैं।

• अयोध्या और लखनऊ से आने वाले श्रद्धालुओं को रसूलाबाद और फाफामऊ में स्नान करने की अपील की गई है।

मेले के दौरान बार-बार अनाउंसमेंट किया जा रहा है कि स्थानीय लोग कार से मेला क्षेत्र में न आएं। जिलाधिकारी ने लोगों से अपील की है कि वे या तो पैदल आएं या बाइक का उपयोग करें, ताकि देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं को जाम की परेशानी न हो।

तकनीकी निगरानी और सुरक्षा

मेला क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस कैमरों के जरिए कड़ी निगरानी की जा रही है। हाई अलर्ट के तहत पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां भीड़ पर नजर बनाए हुए हैं।

प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद संगम से 15 किमी तक का क्षेत्र जाम है। हालांकि, अगले दिन अखाड़ों के स्नान को देखते हुए तैयारियों को और मजबूत किया जा रहा है। श्रद्धालुओं को सुविधा देने और अव्यवस्था रोकने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं।

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महाकुंभ की पल-पल की जानकारी के लिए प्रशासन और मीडिया ने लाइव अपडेट्स की व्यवस्था की है। श्रद्धालुओं से अपील है कि वे दिशा-निर्देशों का पालन करें और प्रशासन का सहयोग करें।

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