हेमंत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में झारखंड को पर्यटन, शिक्षा, उद्योग और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाने का खाका तैयार किया है। संताल परगना को खास प्राथमिकता दी गई है, जहां स्वास्थ्य, तकनीकी शिक्षा, सिंचाई, हवाई सेवा और टूरिज्म सर्किट के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण बजटीय प्रावधान किए गए हैं।

देवघर बनेगा पर्यटन और औद्योगिक केंद्र

देवघर में एयर शटल सेवा की सुविधा बढ़ाई जाएगी, जिससे यहां पर्यटन को नई रफ्तार मिलेगी। इससे बैद्यनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यात्रा सुविधाजनक होगी और स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।

देवीपुर और जसीडीह औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए बजटीय प्रावधान किया गया है।

पीपीपी मोड में मेडिकल कॉलेज की स्थापना होगी, जिससे एम्स के साथ-साथ देवघर में एक और आधुनिक अस्पताल मिलेगा।

सॉफ्टवेयर पार्क की स्थापना से देवघर को तकनीकी क्षेत्र में बढ़त मिलेगी।

स्कूल ऑफ बिजनेस की स्थापना यहां के छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा के लिए नया मंच प्रदान करेगी।

साहिबगंज और जामताड़ा को भी सौगातें

• साहिबगंज में डोमेस्टिक एयरपोर्ट और कार्गो हब स्थापित किया जाएगा, जिससे क्षेत्र की लॉजिस्टिक्स सुविधाएं बेहतर होंगी।

बरहरवा जलापूर्ति योजना से इलाके में पानी की समस्या दूर होगी।

सिदो-कान्हू की जन्मस्थली भोगनाडीह के विकास के लिए विशेष योजना बनाई गई है।

साहिबगंज में राजकीय अभियंत्रण विश्वविद्यालय की स्थापना होगी।

• जामताड़ा में पीपीपी मोड में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना बनाई गई है।

शिक्षा क्षेत्र में बड़े कदम

सरकार ने उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल में शैक्षणिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया है।

बोकारो के नावाडीह में नेतरहाट मॉडल पर विद्यालय का निर्माण होगा।

धनबाद में नए तकनीकी विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव है।

बोकारो में नए अभियंत्रण महाविद्यालय का शैक्षणिक सत्र 2025-26 से शुरू होगा।

गिरिडीह में इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित किया जाएगा।

धनबाद और हजारीबाग में बिजनेस एंड मास कम्युनिकेशन स्कूल खोले जाएंगे।

धनबाद, गिरिडीह में मेडिकल कॉलेज बनाने की योजना है।

हजारीबाग और धनबाद में नए विधि महाविद्यालय स्थापित किए जाएंगे।

पर्यटन को मिलेगी नई रफ्तार

झारखंड सरकार राज्य को पर्यटन हब बनाने के लिए कई नई योजनाएं लेकर आई है।

गिरिडीह के पारसनाथ, रामगढ़ के रजरप्पा, चतरा के इटखोरी और पतरातू घाटी को रांची से हेलीकॉप्टर सेवा से जोड़ा जाएगा।

गिरिडीह के उसरी जलप्रपात का पर्यटन विकास किया जाएगा।

नेतरहाट और पतरातू में ग्लास ब्रिज बनाया जाएगा, जिससे पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।

कोडरमा के तिलैया और बोकारो के तेनुघाट जलाशयों को पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जाएगा।

गिरिडीह के खंडोली पर्यटन स्थल का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया जाएगा, जिससे इसे राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र में स्थान मिल सके।

औद्योगिक विकास को गति

झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (जियाडा) के अंतर्गत राज्य में औद्योगिक आधारभूत संरचना को मजबूत करने पर जोर दिया गया है।

बोकारो, गिरिडीह और सिंदरी औद्योगिक क्षेत्रों में नई परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।

केंद्रीय सहायता से गिरिडीह जिले में नए विकास कार्य होंगे, जिससे इसे उग्रवाद मुक्त बनाया जा सके।

सिंचाई और जलापूर्ति परियोजनाएं

सरकार ने सिंचाई और जलापूर्ति के लिए भी बड़े बजटीय प्रावधान किए हैं।

गिरिडीह के पीरटांड में बराकर नदी पर वीयर निर्माण कर भूमिगत पाइपलाइन के जरिए सिंचाई सुविधा दी जाएगी।

चास शहरी जलापूर्ति योजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

गिरिडीह और धनवार में जलापूर्ति परियोजनाओं की शुरुआत होगी।

फुसरो, रामगढ़ और धनबाद में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जाएंगे।

निष्कर्ष

झारखंड सरकार पर्यटन, उद्योग, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने के लिए पूरी तरह तैयार है। खासतौर पर संताल परगना और उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल को नए विकास कार्यों से जोड़कर राज्य को पर्यटन और औद्योगिक हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। एयर कनेक्टिविटी, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग और व्यावसायिक शिक्षा के नए संस्थान, हेलीकॉप्टर सेवा, जलापूर्ति और सिंचाई परियोजनाएं झारखंड के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में मजबूत कदम हैं।

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