झारखंड जल्द ही ट्राइबल और माइंस टूरिज्म की नई शुरुआत करने जा रहा है। राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस महत्वाकांक्षी योजना पर काम शुरू कर दिया है। पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने सोमवार को नेपाल हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक कर इस दिशा में विस्तृत कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया।

ट्राइबल टूरिज्म: आदिवासी संस्कृति की झलक

राज्य में पहला ट्राइबल टूरिज्म कॉरिडोर तमाड़ के अड़की से उलिहातु के बीच विकसित किया जाएगा। इस कॉरिडोर का उद्देश्य पर्यटकों को आदिवासी संस्कृति, रहन-सहन और खान-पान से परिचित कराना है। उलिहातु, जो भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली है, इस परियोजना का मुख्य आकर्षण होगा।

खनन क्षेत्र में भी सैर का मौका

झारखंड में सीसीएल और बीसीसीएल जैसी कंपनियों की कोयला खदानों के जरिए माइंस टूरिज्म विकसित किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य लोगों को खनन प्रक्रिया से परिचित कराना और खनन से उत्पन्न चुनौतियों को समझाना है। माइंस टूरिज्म से राज्य में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और पर्यटक खदानों के करीब जाकर कामकाज को देख सकेंगे।

पलामू किला के लिए एएसआई से मदद

राज्य की ऐतिहासिक धरोहर पलामू किला की स्थिति सुधारने के लिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) से संवाद किया जाएगा। राज्य सरकार इस किले को संरक्षित करने के लिए एएसआई से सहयोग मांगेगी।

डैम और वॉटर टूरिज्म का विकास

झारखंड के छह प्रमुख डैम – मसानजोर, चांडिल, तेनुघाट, तिलैया, गेतलसूद और पतरातू के आसपास पर्यटकों के लिए विशेष सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इन स्थलों पर रहने, खाने-पीने और मनोरंजन के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे।

ग्लास ब्रिज और टावर बनेंगे आकर्षण

राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे दशम जलप्रपात, जोन्हा, नेतरहाट के मैगनोलिया प्वाइंट और पतरातू घाटी में ग्लास ब्रिज बनाए जाएंगे। नेतरहाट के कोयल व्यू पॉइंट पर एक ग्लास टावर भी बनेगा, जो पर्यटकों को विशेष अनुभव प्रदान करेगा।

हर 25 किमी पर रेस्ट प्वाइंट

टूरिस्ट कॉरिडोर के साथ हर 25 किमी पर एक रेस्ट प्वाइंट बनाया जाएगा, जहां पर्यटक आराम कर सकेंगे और जलपान की सुविधा प्राप्त करेंगे।

पर्यटन में नए आयाम

झारखंड सरकार के इन प्रयासों से न केवल राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे। ट्राइबल और माइंस टूरिज्म के जरिए पर्यटक झारखंड की संस्कृति और खनन कार्यों की अनूठी झलक देख सकेंगे।

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