रांची

झारखंड ने शिक्षा के क्षेत्र में चुपचाप लेकिन ठोस प्रगति करते हुए देश के छह बड़े राज्यों को साक्षरता के मामले में पीछे छोड़ दिया है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, राज्य की कुल साक्षरता दर 70 प्रतिशत से ऊपर है और इसमें शहरी इलाकों की स्थिति खासतौर पर उल्लेखनीय है। झारखंड की साक्षरता दर उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों से बेहतर बताई गई है।

राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन

भारत में सात वर्ष से अधिक आयु के लोगों की राष्ट्रीय साक्षरता दर 77.5 प्रतिशत है। इस औसत की तुलना में झारखंड ने संतुलित विकास दिखाया है।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में: राज्य की औसत साक्षरता दर 71% है।
  • शहरी क्षेत्रों में: साक्षरता दर लगभग 86% तक पहुंच चुकी है।

झारखंड के पुरुषों की मजबूत स्थिति

राज्य के कुल पुरुष साक्षरता दर 83% और महिला साक्षरता दर 64.7% है।

  • ग्रामीण पुरुष: 80.6%
  • ग्रामीण महिलाएं: 61.4%
  • शहरी पुरुष: 92.6% (राष्ट्रीय औसत 92.2% से अधिक)
  • शहरी महिलाएं: 78.6%

इस डेटा के अनुसार झारखंड के शहरी पुरुष दिल्ली और कर्नाटक जैसे विकसित राज्यों से भी अधिक साक्षर हैं। यह राज्य के शहरी शिक्षा ढांचे में हो रहे सुधार को दर्शाता है।

किन राज्यों से बेहतर है झारखंड?

नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि झारखंड की साक्षरता दर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से बेहतर स्थिति में है।

महिलाओं की साक्षरता दर में अब भी सुधार की आवश्यकता

हालांकि झारखंड ने कुल मिलाकर अच्छी प्रगति की है, लेकिन महिला साक्षरता दर अभी भी राष्ट्रीय औसत से कम है। इसके लिए राज्य सरकार को ग्रामीण इलाकों में महिला शिक्षा पर अधिक ज़ोर देने की जरूरत है।

राज्य की शिक्षा नीति का सकारात्मक असर

झारखंड सरकार द्वारा हाल के वर्षों में लागू की गई नई शिक्षा योजनाएं, डिजिटल साक्षरता अभियान, स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार और छात्रवृत्ति योजनाएं इस उपलब्धि के पीछे प्रमुख कारण हैं। शहरी क्षेत्रों में स्कूली पहुंच और कॉलेज नामांकन दरों में सुधार ने भी बड़ा रोल निभाया है।

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