रांची: झारखंड को केंद्र प्रायोजित मिशन शक्ति योजना के दो महत्वपूर्ण घटकों – ‘संबल’ (महिला सुरक्षा) और ‘सामर्थ्य’ (महिला सशक्तिकरण) के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 का फंड अब तक नहीं मिल पाया है। इस वजह से राज्य में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण से जुड़ी कई योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा उत्पन्न हो रही है। मिशन शक्ति के तहत चल रही कुल सात योजनाओं में से पांच योजनाएं ऐसी हैं, जिनके लिए केंद्र से कोई धनराशि नहीं मिली है, जिससे इन योजनाओं के प्रस्तावित कार्यों पर असर पड़ सकता है।

विधानसभा में उठा फंड की कमी का मुद्दा

31 जनवरी को झारखंड विधानसभा की महिला एवं बाल विकास समिति की बैठक में इस फंड की समस्या को प्रमुखता से उठाया गया। समिति की अध्यक्ष विधायक कल्पना सोरेन ने महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश दिया कि वह इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखे और फंड आवंटन की प्रक्रिया को तेज करे।

तीन योजनाओं का संचालन पुरानी राशि से, दो में पूरी तरह फंड की कमी

वर्तमान में 100% केंद्रांश वाली तीन योजनाओं का संचालन पिछले वित्तीय वर्ष की बची हुई राशि से किया जा रहा है, जबकि 60-40 अनुपात वाली दो योजनाओं में फंड की भारी कमी बनी हुई है।

हालांकि, ‘शक्ति सदन’ और ‘हब फॉर एम्पावरमेंट ऑफ वुमन (HEW)’ के लिए 2024-25 में केंद्र से कुछ धनराशि स्वीकृत हुई है। शक्ति सदन को 1.58 करोड़ रुपये, जबकि HEW योजना के लिए 30 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं।

किन योजनाओं का फंड नहीं पहुंचा?

1. वन स्टॉप सेंटर (OSC)

स्वरूप: 100% केंद्रांश योजना

उद्देश्य: घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न या अन्य किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता, पुलिस सहयोग, चिकित्सीय परामर्श और आश्रय प्रदान करना।

वर्तमान संचालन: रांची (रिनपास), धनबाद और पूर्वी सिंहभूम (रेड क्रॉस भवन)

प्रस्ताव:

1. रांची, धनबाद और पूर्वी सिंहभूम में OSC के लिए भवन निर्माण (अनुमोदन प्राप्त)

2. आउटसोर्सिंग से स्टाफ की भर्ती का प्रस्ताव

3. रांची, बोकारो, हजारीबाग, धनबाद और पूर्वी सिंहभूम में नए OSC केंद्रों की स्थापना (अनुमोदन प्राप्त, वित्तीय स्वीकृति शेष)

2. महिला हेल्पलाइन (181 सेवा)

स्वरूप: 100% केंद्रांश योजना

उद्देश्य: महिलाओं को 24×7 आपातकालीन सहायता प्रदान करना

वर्तमान स्थिति:

1. 20 जिलों में हेल्पलाइन का OSC से एकीकरण पूर्ण

2. गोड्डा, जामताड़ा, गिरिडीह और रामगढ़ में कार्य प्रगति पर

3. सखी निवास (वर्किंग वुमन हॉस्टल)

स्वरूप: केंद्र-राज्य 60:40 अंशदान योजना

उद्देश्य: कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और किफायती आवास देना

वर्तमान संचालन: रांची और खूंटी

प्रस्ताव: बोकारो, धनबाद, देवघर, गिरिडीह, पलामू और सरायकेला-खरसावां में योजना का विस्तार

4. पालना (आंगनबाड़ी क्रेच योजना)

स्वरूप: केंद्र-राज्य 60:40 अंशदान योजना

उद्देश्य: आंगनबाड़ी केंद्रों में क्रेच सुविधा उपलब्ध कराकर बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य और संज्ञानात्मक विकास को बढ़ावा देना

प्रस्ताव:

1. 1024 आंगनबाड़ी केंद्रों में योजना लागू करने का अनुमोदन प्राप्त

2. संचालन के लिए स्टाफ की भर्ती प्रक्रियाधीन

3. पूर्वी सिंहभूम और साहेबगंज में 1-1 आंगनबाड़ी केंद्रों को पालना योजना के तहत लाने का प्रस्ताव

क्या कहती है राज्य सरकार?

महिला एवं बाल विकास विभाग के अनुसार, झारखंड सरकार ने पहले ही केंद्र को फंड जारी करने के लिए अनुरोध पत्र भेजा है। यदि शीघ्र आवंटन नहीं हुआ, तो कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

निष्कर्ष

महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं का फंड अटकना, राज्य में महिला कल्याण से जुड़े कार्यक्रमों के प्रभावी संचालन में बाधा डाल सकता है। अगर जल्द ही केंद्र से धनराशि नहीं मिली, तो कई प्रस्तावित कार्यों में देरी हो सकती है, जिससे महिलाओं को मिलने वाली सुविधाओं पर असर पड़ेगा।

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