झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एनआरएचएम (नेशनल रूरल हेल्थ मिशन) घोटाले के मुख्य आरोपी प्रमोद सिंह को गिरफ्तार कर लिया। धनबाद निवासी प्रमोद सिंह इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है, जिसे ईडी ने पूछताछ के बाद पीएमएलए कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उसे तीन दिन की रिमांड पर भेजने की अनुमति दी, जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में लेते हुए बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार, होटवार भेज दिया गया।
क्या है पूरा मामला?
एनआरएचएम घोटाला झारखंड में वर्ष 2011-12 में हुआ था, जिसमें सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला सामने आया था। इस घोटाले में प्रमोद सिंह की बड़ी भूमिका बताई जा रही है, जो उस समय एनआरएचएम में अकाउंट मैनेजर के रूप में कार्यरत था। ईडी की जांच में पता चला कि उसने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) के 10 बैंक खातों से करोड़ों रुपये निकालकर अपने और अपनी पत्नी के बैंक खातों में स्थानांतरित कर लिए थे।
एसीबी के केस को ईडी ने किया टेकओवर
प्रमोद सिंह के खिलाफ वर्ष 2016 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। इसके बाद 2023 में ईडी ने इस केस को अपने हाथ में लिया और जांच शुरू की। ईडी ने 4 जुलाई 2024 और 13 अगस्त 2024 को प्रमोद सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान उसके सहयोगियों और रिश्तेदारों के घरों पर भी कार्रवाई हुई थी।
12 बार समन भेजने के बाद हुई गिरफ्तारी
ईडी ने प्रमोद सिंह को 12 बार समन भेजा, लेकिन वह कभी भी जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुआ। इसके बाद कोर्ट से वारंट लेकर ईडी ने उसे रांची स्थित कार्यालय में पेश होने का आदेश दिया। बुधवार को जब वह ईडी कार्यालय पहुंचा, तो पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
प्रमोद सिंह का कोयला कारोबार
पहले एनआरएचएम में अकाउंट मैनेजर के पद पर कार्यरत प्रमोद सिंह वर्तमान में कोयला व्यवसाय से जुड़ा है और उसका बड़ा कारोबार बताया जा रहा है। इससे पहले सितंबर 2024 में ईडी ने उसकी और उसके परिवार की 1.63 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की थी।
क्या आगे होगा?
ईडी अब प्रमोद सिंह से धन शोधन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ करेगी। घोटाले में शामिल अन्य आरोपियों पर भी शिकंजा कसने की संभावना है। आने वाले दिनों में इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।