ग्रेटर नोएडा वेस्ट की कई हाउसिंग सोसाइटियों में दूषित पानी की आपूर्ति एक गंभीर समस्या बन गई है। इस कारण निवासियों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में सुपरटेक इको विलेज 2 समेत कई अन्य सोसाइटियों में गंदे पानी के सेवन से सैकड़ों लोग बीमार पड़ गए।
गंदे पानी से बीमारियों का खतरा
सोसाइटी के निवासियों के अनुसार, पानी से बदबू आ रही है और इसका रंग भी साफ नहीं है। कई लोगों ने पानी पीने के बाद उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत की है। खासकर बच्चे और बुजुर्ग अधिक प्रभावित हुए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह दूषित पानी बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक तत्वों से संक्रमित हो सकता है, जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण जैसी बीमारियां फैल रही हैं।
प्राधिकरण और बिल्डर की लापरवाही
निवासियों ने इस समस्या को लेकर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और बिल्डर से कई बार शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। कई सोसाइटियों में जल आपूर्ति टैंकों की नियमित सफाई नहीं हो रही, जिससे पानी की गुणवत्ता खराब हो गई है। जांच के बाद पता चला कि कुछ इलाकों में पाइपलाइन में लीकेज के कारण सीवरेज का पानी सप्लाई में मिल रहा है।
जांच और कार्रवाई की मांग
इस समस्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीमों ने पानी के नमूने एकत्र किए हैं और जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। प्रभावित निवासियों ने मांग की है कि बिल्डर और प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से लें और जल्द से जल्द साफ और स्वच्छ पानी की व्यवस्था करें।
निवासियों का आक्रोश
बीमारियों से परेशान लोग अब प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि लाखों रुपये खर्च कर फ्लैट खरीदने के बावजूद उन्हें बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। अगर जल्द ही समाधान नहीं हुआ, तो वे कानूनी कार्रवाई करने पर भी विचार कर सकते हैं।
समाधान के लिए क्या किया जा सकता है?
• पानी की टंकियों की नियमित सफाई और क्लोरीन मिलाकर शुद्धिकरण।
• पाइपलाइनों की जांच कर लीकेज को ठीक करना।
• प्रशासन द्वारा नियमित रूप से पानी की गुणवत्ता की जांच करना।
• सोसाइटी प्रबंधन को जल शुद्धिकरण की व्यवस्था करने का निर्देश देना।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लगातार बढ़ रही इस समस्या ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन और बिल्डर को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि लोगों को साफ और सुरक्षित पानी मिल सके।
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