झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज आचार संहिता उल्लंघन के मामले में फिलहाल किसी भी दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 2014 के विधानसभा चुनावों से जुड़ा हुआ है। उस दौरान हेमंत सोरेन पर आरोप लगा था कि उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन किया है। इस संबंध में उनके खिलाफ पश्चिम सिंहभूम जिले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामला निचली अदालत में लंबित है, और इसे लेकर हेमंत सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
कोर्ट में क्या हुआ?
गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में जस्टिस ए.के. चौधरी की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। राज्य सरकार ने अदालत से जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा, जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 8 सप्ताह बाद निर्धारित की है।
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने हेमंत सोरेन के खिलाफ फिलहाल किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इसका मतलब है कि अगली सुनवाई तक उन पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
हेमंत सोरेन की दलील
हेमंत सोरेन ने अपनी याचिका में कहा कि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं किया था। उन्होंने कोर्ट से एफआईआर को रद्द करने और निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की थी।
क्या होगा अब?
अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 हफ्ते बाद होगी। तब तक हेमंत सोरेन के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं होगी। इस फैसले को हेमंत सोरेन के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। हालांकि, अंतिम निर्णय अदालत की अगली सुनवाई के बाद ही होगा।
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