झारखंड के घाटशिला प्रखंड की कालचित्ति पंचायत के बासाडेरा जंगल में बाघ की मौजूदगी से स्थानीय इलाकों में दहशत का माहौल है। बाघ ने बासाडेरा पहाड़ी के आसपास अपना डेरा जमा लिया है, हालांकि पिछले 24 घंटों से उसकी कोई हलचल नहीं देखी गई है। वन विभाग के अधिकारी लगातार बाघ की खोज में जुटे हुए हैं, लेकिन अभी तक उसकी सही लोकेशन का पता नहीं चल पाया है।
बाघ के कारण गांवों में सन्नाटा
बाघ की मौजूदगी के कारण बासाडेरा और धारागिरी गांवों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। ग्रामीण न तो जंगलों में लकड़ी लाने जा रहे हैं और न ही गांव में ज्यादा गतिविधियां हो रही हैं। हालांकि, बासाडेरा मिडिल स्कूल खुला रहा और बच्चों की उपस्थिति सामान्य रही।
वन विभाग की कोशिशें जारी
बाघ की खोज के लिए वन विभाग के अधिकारी बासाडेरा, धारागिरी और बुरुडीह के जंगलों में गहन तलाशी अभियान चला रहे हैं। अधिकारियों ने बासाडेरा के जंगलों में 20 कैमरे लगाए हैं, जो बाघ की लोकेशन और उसकी गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए रणनीतिक रूप से पानी के स्रोतों और अन्य संभावित क्षेत्रों में लगाए गए हैं।
बाघ की चुनौतीपूर्ण खोज
वन विभाग के रेंजर बिमल कुमार ने बताया कि बाघ की खोज के लिए अधिकारी और कर्मचारी लगातार जंगल में काम कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि बाघ एक दिन में 40-50 किलोमीटर तक का रास्ता तय कर रहा है, जिससे उसकी लोकेशन का पता लगाना मुश्किल हो रहा है।
ग्रामीणों को किया गया अलर्ट
वन विभाग द्वारा ग्रामीणों को जंगल में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है। लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।
स्थानीय प्रशासन की अपील
स्थानीय प्रशासन और वन विभाग ने लोगों को धैर्य बनाए रखने और बाघ को लेकर किसी भी तरह की अफवाह फैलाने से बचने की अपील की है। विभाग ने आश्वासन दिया है कि बाघ को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
यह पहली बार नहीं है जब जंगल के बाघ ने ग्रामीणों में दहशत फैलाई है। इस घटना ने वन्यजीव संरक्षण और मानव-बाघ संघर्ष के बीच संतुलन की आवश्यकता पर फिर से जोर दिया है।