बोकारो, झारखंड: बुधवार को झारखंड के बोकारो जिले में सुरक्षाबलों ने जंगल में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया, जिसमें दो नक्सलियों को ढेर कर दिया गया। यहां के स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक, वे जब सुबह सोकर उठे, तो पूरा इलाका गोलियों की आवाज से गूंज रहा था।

सुबह के समय जब लोग कोहरे की धुंध में सोकर उठे, तो बेरमो अनुमंडल के नावाडीह प्रखंड के पेंक-नारायणपुर थाना क्षेत्र स्थित पोखरिया पंचायत के बंदराचुवां के घने जंगल से गोलियों की आवाज आ रही थी। कई ग्रामीण, जिनकी आजीविका जंगल पर निर्भर है, गोलियों की आवाज सुनकर डर के मारे अपने घरों में छिप गए। बाद में यह जानकारी मिली कि पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो रही थी। कुछ ही घंटों में पुलिस को विजय प्राप्त हुई और एक महिला नक्सली और एक पुरुष नक्सली को ढेर कर दिया गया। इसके अलावा, एक पुरुष नक्सली के घायल होने की भी खबर मिली है।

पुलिस द्वारा एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने का आरोप:

मुठभेड़ के बाद, पेंक-नारायणपुर थाना क्षेत्र के पोखरिया पंचायत के बंशी गांव की सरोधनी देवी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसके पति होपन मांझी को गिरफ्तार कर लिया। सरोधनी ने बताया कि उसके पति जंगल में बकरी खोजने गए थे और पुलिस ने उन्हें पकड़कर अपने साथ ले लिया। सरोधनी ने पुलिस से अपने पति को रिहा करने की विनती की, क्योंकि उसके पास परिवार का पालन-पोषण करने का कोई अन्य स्रोत नहीं था। जानकारी के अनुसार, होपन मांझी जंगल में नक्सलियों को खाना पहुंचाने का काम करता था।

नए साल में मुठभेड़ की शुरुआत:

बेरमो अनुमंडल के नावाडीह और गोमिया प्रखंड के अधिकांश क्षेत्र को अति नक्सल प्रभावित माना जाता है, हालांकि पिछले कुछ वर्षों में इस समस्या में कमी आई थी। लेकिन, नए साल की शुरुआत में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ ने फिर से इस क्षेत्र में पुरानी चर्चाओं को जन्म दे दिया है।

समर दा के नाम की चर्चा:

इस मुठभेड़ के साथ एक करोड़ के इनामी माओवादी समर दा का नाम भी सामने आया है, क्योंकि मुठभेड़ जिस स्थान पर हुई, वह समर दा के गांव से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर है।

पारसनाथ पहाड़ से रणबिजय महतो का दस्ता जंगल में पहुंचा था:

15 लाख के इनामी माओवादी रणबिजय महतो का दस्ता चार दिन पहले पारसनाथ पहाड़ से जरवा-बंदराचुवां जंगल में पहुंचा था। सूत्रों के अनुसार, इस दस्ते में एरिया कमांडर शांति, हार्डकोर नक्सली साहेबराम मांझी, मनोज टुडू, अरविंद और अन्य सात सदस्य शामिल थे। यह दस्ता एक बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा था।

21 जनवरी को चंद्रपुरा से रणबिजय को गिरफ्तार कर लिया गया, और उसी की निशानदेही पर बोकारो पुलिस ने जरवा-बंदराचुवां जंगल में तलाशी अभियान चलाया, जहां नक्सली मौजूद थे। झुमरा पहाड़ से विवेक का दस्ता भी इस जंगल में प्रवेश करने वाला था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने कार्रवाई की।

बोकारो जिले में यह मुठभेड़ और उसके बाद की घटनाएं क्षेत्र में सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं, जबकि नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों की सतर्कता और कार्रवाई बढ़ाई जा रही है।

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