वाराणसी, जो अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, इस बार देव दीपावली के अवसर पर एक अद्वितीय नजारे का साक्षी बनेगा। गंगा के पवित्र तट पर बसे 85 घाट 12 लाख दीयों की रोशनी से जगमगाएंगे। इसके साथ ही जन सहभागिता से यह संख्या 21 लाख से भी अधिक हो सकती है। यह नजारा न केवल काशीवासियों के लिए, बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी अविस्मरणीय होगा। गंगा पार के रेत भी दीपों की अलौकिक रोशनी में नहाएंगे, जो इस दृश्य को और भी मंत्रमुग्ध कर देगा।
गंगा महोत्सव और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां:
इस बार अस्सी घाट पर गंगा महोत्सव का मुख्य आयोजन किया जाएगा, जिसमें गीत-संगीत की महफिल सजेगी। प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर और शिवमणि जैसे प्रतिष्ठित कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से इस महोत्सव को खास बनाने वाले हैं। इनके सुरों और तालियों से गंगा तट पर एक नई ऊर्जा का संचार होगा। महोत्सव के दौरान करीब 15 मिनट की ग्रीन आतिशबाजी भी होगी, जो गंगा पार के रेत पर प्रदर्शित की जाएगी। इसके अलावा, गंगा द्वार पर एक लाइट एंड साउंड शो का आयोजन होगा, जो इस महोत्सव में चार चांद लगा देगा।
देव दीपावली की विशेष गंगा आरती:
देव दीपावली की गंगा आरती भी इस बार बेहद खास होगी। दशाश्वमेध घाट और राजेंद्र प्रसाद घाट पर होने वाली इस आरती में 21 अर्चक और रिद्ध-सिद्धि के प्रतीक रूप में 42 कन्याएं भाग लेंगी। यह आरती हमेशा की तरह श्रद्धालुओं के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेगी। गंगा आरती का भव्य आयोजन देखने के लिए लोग घंटों पहले ही घाट पर पहुंच जाते हैं, ताकि वे इस दिव्य अनुभव का आनंद ले सकें।
लेजर शो: शिव, काशी और गंगा की महिमा:
इस बार गंगा महोत्सव की विशेषता लेजर शो होगी, जो शिव, काशी और गंगा की महिमा को समर्पित रहेगा। यह शो गंगा की लहरों पर प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें काशी विश्वनाथ के महत्त्व और धरती पर गंगा के आगमन की कहानी को दर्शाया जाएगा। लेजर शो की यह भव्यता न केवल स्थानीय जनता को बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को भी मंत्रमुग्ध करेगी। यह शो देव दीपावली की रात को और भी खास बनाएगा।
15 मिनट तक रंगबिरंगी आतिशबाजी:
गंगा के तट पर इस बार अंतरराष्ट्रीय फायर शो का आयोजन भी किया जाएगा, जो मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेगा। इस शो में ग्रीन आतिशबाजी होगी, जो पर्यावरण के अनुकूल होगी और पिछले साल के मुकाबले अधिक रंगबिरंगी और भव्य होगी। 15 मिनट तक चलने वाली इस आतिशबाजी का नजारा सभी घाटों से देखा जा सकेगा। इस आयोजन को और खास बनाने के लिए मुंबई से विशेष कलाकारों को बुलाया गया है।
घाटों और शहर की सजावट:
इस बार गंगा महोत्सव की तैयारियां पहले से ही शुरू कर दी गई हैं। घाटों के अलावा, शहर के प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक भवनों को भी दीपों और झालरों से सजाया जाएगा। देव दीपावली से एक दिन पहले दीयों और बातियों का वितरण कर दिया जाएगा, ताकि हर कोई इस भव्य आयोजन का हिस्सा बन सके।
पर्यटन का प्रमुख केंद्र:
वाराणसी में आयोजित होने वाला यह गंगा महोत्सव और देव दीपावली केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह पर्यटन के लिहाज से भी एक बड़ा अवसर है। हर साल बड़ी संख्या में देश-विदेश से पर्यटक इस आयोजन को देखने आते हैं। गंगा के किनारे जलते लाखों दीयों की रोशनी, भव्य गंगा आरती, लेजर शो और फायर शो का अनुभव पर्यटकों के लिए एक यादगार लम्हा बन जाता है। इस साल की तैयारियों को देखते हुए उम्मीद है कि यह आयोजन पिछले सभी आयोजनों से अधिक भव्य और अद्वितीय होगा।
निष्कर्ष:
गंगा महोत्सव और देव दीपावली का यह आयोजन वाराणसी की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को संजोने का एक प्रयास है। लाखों दीयों की रोशनी, भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम, गंगा आरती, लेजर शो और आतिशबाजी के साथ यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह काशी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। इस महोत्सव में भाग लेने वाले हर व्यक्ति के लिए यह अनुभव न केवल आनंदमय होगा, बल्कि उन्हें वाराणसी की दिव्यता और भव्यता का एक अद्भुत एहसास कराएगा।