दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित कॉमरेड सीताराम येचुरी की स्मृति सभा एक ऐतिहासिक और भावनात्मक अवसर बन गया, जहां विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक विचारधाराओं के लोग एकत्रित हुए। इस सभा का आयोजन भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) के महासचिव और प्रख्यात मार्क्सवादी चिंतक कॉमरेड सीताराम येचुरी के सम्मान में किया गया, जो न केवल एक विचारक और नेता थे बल्कि वामपंथी राजनीति के मजबूत स्तंभ थे।
महुआ मांझी की भागीदारी
झारखंड से राज्यसभा सांसद महुआ मांझी ने भी इस सभा में भाग लिया और ट्विटर के माध्यम से इस अनुभव को साझा किया। उन्होंने कहा, “दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कॉमरेड सीताराम येचुरी जी की स्मृति सभा में शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात है।” महुआ मांझी ने सीताराम येचुरी के विचारों और उनके संघर्ष को याद करते हुए कहा कि वे एक ऐसे नेता थे जिनकी विचारधारा ने देशभर के वंचित और शोषित वर्गों के लिए आवाज उठाई।
सीताराम येचुरी: एक प्रख्यात मार्क्सवादी चिंतक
सीताराम येचुरी भारतीय वामपंथी राजनीति के एक प्रमुख स्तंभ थे। वे भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) के महासचिव के रूप में कार्यरत थे और उन्होंने मार्क्सवादी विचारधारा को नए संदर्भों में प्रस्तुत किया। उनका जीवन समाज के सबसे कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित था, और उन्होंने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि समाज के हर वर्ग को न्याय और समानता मिले।
मार्क्सवादी चिंतक के रूप में सीताराम येचुरी का योगदान व्यापक और महत्वपूर्ण था। उन्होंने मार्क्सवादी सिद्धांतों को न केवल अध्ययन किया बल्कि उन्हें भारत के संदर्भ में सफलतापूर्वक लागू किया। उनकी सोच और संघर्ष ने भारतीय वामपंथी राजनीति को एक नई दिशा दी और उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाया।
स्मृति सभा में सीताराम येचुरी का सम्मान
स्मृति सभा में विभिन्न राजनीतिक नेताओं, समाजसेवियों, और कार्यकर्ताओं ने सीताराम येचुरी के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर महुआ मांझी ने अपने संबोधन में कहा कि सीताराम येचुरी जैसे नेता का योगदान केवल पार्टी तक सीमित नहीं था बल्कि उनका प्रभाव समाज के हर कोने में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा, “सीताराम जी ने हमें दिखाया कि किस तरह से एक नेता को केवल राजनीति नहीं बल्कि समाज के प्रति भी संवेदनशील होना चाहिए।”
वामपंथी राजनीति के प्रतीक
सीताराम येचुरी का जीवन और उनकी राजनीति वामपंथी विचारधारा के प्रति उनकी गहरी निष्ठा को दर्शाता है। उन्होंने मार्क्सवादी विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया। उनका मानना था कि समानता, सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता केवल राजनीतिक मुद्दे नहीं हैं, बल्कि यह समाज की बुनियादी जरूरतें हैं।
उनका जीवन संघर्ष का प्रतीक था, और उन्होंने हर उस व्यक्ति के लिए लड़ाई लड़ी जो किसी न किसी रूप में उत्पीड़ित था। वे हमेशा अपने सिद्धांतों के प्रति ईमानदार रहे और कभी भी जनता के मुद्दों से समझौता नहीं किया।
महुआ मांझी का श्रद्धांजलि संदेश
महुआ मांझी ने अपने संदेश में कहा कि सीताराम येचुरी जैसे नेता हमेशा समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। उन्होंने कहा, “सीताराम जी के विचार और संघर्ष हम सबके लिए प्रेरणा हैं। उनकी सोच और उनका जीवन हमें सिखाता है कि एक सच्चा नेता वही होता है जो समाज के हर वर्ग के साथ खड़ा हो।”
भविष्य के लिए प्रेरणा
सीताराम येचुरी की स्मृति सभा ने उन सभी को एक नई ऊर्जा और प्रेरणा दी जो वामपंथी विचारधारा में विश्वास करते हैं। उनकी सोच और उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प इस सभा में देखा गया। यह सभा एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि समाज में न्याय, समानता और भाईचारे की लड़ाई जारी रहनी चाहिए, और सीताराम येचुरी के विचार हमेशा इस लड़ाई में मार्गदर्शन करते रहेंगे।
समाज के कमजोर वर्गों के लिए उनके संघर्ष को याद करते हुए, महुआ मांझी और अन्य नेताओं ने यह संकल्प लिया कि वे सीताराम येचुरी के सपनों को साकार करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।