रविवार का दिन झारखंड की राजनीति और समाज के लिए भावुक क्षण लेकर आया। मुख्यमंत्री ने अपने पिता एवं झारखंड आंदोलन के महानायक दिवंगत दिशोम गुरु की अस्थियों को रजरप्पा स्थित दामोदर नदी में विसर्जित किया।
पैतृक गांव नेमरा से परिजनों, भाई, पत्नी और ग्रामीणों के साथ अस्थि कलश लेकर मुख्यमंत्री रजरप्पा पहुंचे। पारंपरिक संताली और वैदिक विधियों के बीच अस्थि पूजा और पिंडदान की प्रक्रिया सम्पन्न हुई। पाहन द्वारा संपन्न कराए गए अनुष्ठान के दौरान मुख्यमंत्री की आंखों में अपने पिता को खोने का दर्द साफ झलक रहा था।
अस्थि विसर्जन के बाद मुख्यमंत्री ने रजरप्पा मंदिर में पूजा-अर्चना की और रक्षा सूत्र बंधवाया। मंदिर परिसर में मौजूद गरीबों और जरूरतमंदों के बीच वस्त्र, बर्तन और चप्पल का भी वितरण किया।
सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री ने लिखा – “प्रकृति का प्यारा लाल, अब प्रकृति में ही विलीन हो गया। वह सदा झारखंड और झारखंडियत की रक्षा करते रहेंगे। वीर दिशोम गुरु अमर रहें।”
रजरप्पा घाट पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे। इस मौके पर रामगढ़ के डीसी, एसपी समेत प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।