झारखंड में विधानसभा चुनाव का माहौल गरमा चुका है, और चुनावी तापमान अपने चरम पर है। सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत से चुनावी रणभूमि में उतर चुके हैं, और दिग्गज नेता अपनी-अपनी सीटों से हुंकार भरने की तैयारी में हैं। 2024 के विधानसभा चुनाव में झारखंड के दो प्रमुख चेहरे – बाबूलाल मरांडी और हेमंत सोरेन – अपने-अपने राजनीतिक भविष्य को दांव पर लगाते हुए जनता के बीच पहुंचने वाले हैं।

बाबूलाल मरांडी का धनवार से ‘वार’

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी 24 अक्टूबर को धनवार विधानसभा क्षेत्र से चुनावी रैली करेंगे। यह क्षेत्र झारखंड के राजनीतिक इतिहास में महत्वपूर्ण रहा है, और मरांडी इस बार भी अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए यहां से अपनी चुनावी यात्रा की शुरुआत करेंगे। मरांडी का राजनीति में अनुभव और उनके साथ जनता का जुड़ाव उन्हें इस क्षेत्र में एक मजबूत दावेदार बनाता है। उनके इस कदम से बीजेपी की रणनीति साफ है – राज्य की सत्ता पर दोबारा कब्जा जमाना और विपक्ष को हराने का प्रयास।

हेमंत सोरेन का बरहेट से हुंकार

दूसरी ओर, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 25 अक्टूबर को अपने गृह क्षेत्र बरहेट से चुनावी रैली करेंगे। हेमंत सोरेन अपने कार्यकाल में आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में किए गए कार्यों को भुनाने की कोशिश करेंगे। उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी गांडेय विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने जा रही हैं, जिससे इस चुनाव में JMM की रणनीति साफ दिखती है – महिला सशक्तिकरण और परिवारवाद के साथ-साथ अपने कोर वोट बैंक पर मजबूत पकड़ बनाना।

सभी दलों ने उतारे अपने उम्मीदवार

बीजेपी और इंडिया गठबंधन में सीटों को लेकर खींचातानी के बीच, दोनों ही गुटों ने अपनी-अपनी सूची जारी कर दी है। बीजेपी ने जहां 66 उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी की है, वहीं JMM ने 36 और कांग्रेस ने 21 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है। इससे साफ है कि सभी दलों ने इस चुनाव को लेकर पूरी तैयारी कर ली है और अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार दिया है।

चुनाव के दो चरणों में मतदान

झारखंड में विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण में 13 नवंबर को 43 सीटों पर और दूसरे चरण में 20 नवंबर को 38 सीटों पर मतदान होगा। इसके बाद 23 नवंबर को मतगणना होगी और झारखंड की जनता को अपना नया मुख्यमंत्री मिलेगा। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में कुल मतदाताओं की संख्या 2,55,18,642 है, जिसमें पुरुष मतदाता 1,29,97,325 और महिला मतदाता 1,25,20,910 हैं। यह दिखाता है कि महिलाओं की भागीदारी इस चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाली है।

फर्स्ट टाइम वोटर का बड़ा योगदान

इस चुनाव में सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि 11.84 लाख नए मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। यह युवा वर्ग झारखंड की सरकार बनाने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि फर्स्ट टाइम वोटर उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे जो उनके भविष्य और रोजगार से जुड़े होंगे। ऐसे में, सभी राजनीतिक दल इस युवा वर्ग को लुभाने के लिए विशेष योजनाओं और वादों को अपने घोषणापत्र में शामिल कर रहे हैं।

महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि

चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में इस बार महिला मतदाताओं की संख्या काफी बढ़ी है। महिला मतदाता 1,25,20,910 की संख्या के साथ चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। JMM और कांग्रेस जैसे दलों ने इस बार अपने उम्मीदवारों में महिलाओं को अधिक संख्या में मौका देकर यह दिखाने की कोशिश की है कि वे महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्ध हैं।

चुनावी संघर्ष: कौन बनेगा मुख्यमंत्री?

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच दिखाई दे रहा है। बाबूलाल मरांडी और हेमंत सोरेन जैसे बड़े नेताओं के मैदान में उतरने से यह चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है। जनता के मुद्दे और उनके समाधान का वादा ही इस चुनाव का परिणाम तय करेगा।

अब यह देखना होगा कि झारखंड की जनता किसे अपनी पसंद के रूप में चुनती है और राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन बनता है।

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