रांची

झारखंड में एक बार फिर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए हैं। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं। उन्होंने इसे चारा घोटाले की तरह का गबन करार दिया है और मामले की स्वतंत्र व उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

मरांडी का आरोप है कि वर्ष 2019 से 2024 के बीच पेयजल विभाग में करीब 160 करोड़ रुपये की परियोजनाओं में अवैध तरीके से निकासी की गई है। उन्होंने कहा कि यह निकासी राज्य के विभिन्न कोषागारों से की गई है और ऑडिट रिपोर्ट में इसकी पुष्टि भी हुई है।

सोशल मीडिया पर उठाए सवाल

बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक विस्तृत पोस्ट साझा करते हुए कहा कि यह मामला सामान्य लापरवाही का नहीं, बल्कि सोची-समझी वित्तीय गड़बड़ी का है। उन्होंने लिखा कि जिस तरह चारा घोटाले में सरकारी धन को योजनाओं के नाम पर लूटा गया था, उसी तरह पेयजल विभाग में भी जनता के पैसे की खुली लूट हुई है।

क्या कहती है मांग?

मरांडी ने झारखंड सरकार से आग्रह किया है कि मामले को हल्के में न लेकर, इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों को सख्त सजा दी जाए। उनका कहना है कि जब तक इस तरह के मामलों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक जनता का विश्वास शासन व्यवस्था पर बना नहीं रह सकता।

राजनीतिक हलचल तेज

इस बयान के बाद राज्य की राजनीति में एक बार फिर उबाल आ गया है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया है। वहीं अब निगाहें इस बात पर हैं कि सरकार इस मांग पर क्या रुख अपनाती है।

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