धनबाद
झारखंड स्वास्थ्य विभाग ने धनबाद के असर्फी हॉस्पिटल पर ₹35 लाख का भारी-भरकम जुर्माना ठोका है। यह कार्रवाई आयुष्मान भारत योजना में गलत भुगतान क्लेम और अनियमितताओं को लेकर की गई है। विभाग का कहना है कि जुर्माने की यह राशि गड़बड़ी की गई रकम का पांच गुना है।
क्या है मामला?
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में असर्फी हॉस्पिटल द्वारा आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत किए गए इलाज की विस्तृत जांच करवाई गई थी। जांच में कई स्तर पर गड़बड़ियों और गलत क्लेम की पुष्टि हुई।
इन्हीं आधार पर हॉस्पिटल पर ₹35 लाख का जुर्माना लगाया गया।
विभाग ने पहले नोटिस और अब रिमाइंडर लेटर भेजा है, लेकिन अभी तक अस्पताल की ओर से राशि जमा नहीं की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि भुगतान नहीं किया गया, तो संस्थान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हॉस्पिटल प्रबंधन का पक्ष: क्या कहा सीईओ हरेन्द्र सिंह ने?
असर्फी हॉस्पिटल के सीईओ हरेन्द्र सिंह ने इस कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए कहा:
“हम 20 महीने से आयुष्मान योजना में सेवा दे रहे हैं। हार्ट की जटिल सर्जरी से लेकर गंभीर इलाज किए हैं। हमने ₹4 करोड़ का क्लेम किया, जिसमें से ₹25 लाख काट लिए गए, ₹30 लाख TDS में चला गया और ₹1.64 करोड़ अब भी बकाया है। अब इसी क्लेम को गलत बताकर ₹35 लाख का जुर्माना लगाना सरासर गलत है। इंश्योरेंस एजेंसी के प्रतिनिधि जानबूझकर गलत रिपोर्टिंग कर रहे हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में भेजे गए पत्रों का जवाब दे दिया गया है और आगे भी देंगे।
जुर्माने में बड़ा बदलाव: अब 5 गुना तक दंड
अब तक आयुष्मान योजना में गलत क्लेम पाए जाने पर अस्पतालों पर तीन गुना जुर्माना लगाया जाता था, लेकिन हालिया बदलाव के तहत इसे पांच गुना कर दिया गया है।
उदाहरण के तौर पर यदि ₹1 लाख की गड़बड़ी पाई जाती है, तो अब अस्पताल को ₹5 लाख का जुर्माना भरना होगा।
इसी आधार पर असर्फी हॉस्पिटल पर भी ₹35 लाख का जुर्माना ठोका गया है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि आयुष्मान योजना की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सख्त कदम जरूरी हैं, लेकिन जांच की निष्पक्षता भी उतनी ही जरूरी है। अगर बीमा एजेंसी गलत रिपोर्ट दे रही है, तो उसकी भी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।