झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इसी के तहत पलामू जिले में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध शराब के कारोबारियों के खिलाफ कड़ा प्रहार किया है। पुलिस ने 6 लाख रुपये की अंग्रेजी शराब जब्त की है, जिसे चुनाव में इस्तेमाल करने की योजना बनाई जा रही थी। यह कार्रवाई चुनाव के दौरान अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण रखने और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है।
अवैध शराब की जब्ती: पुलिस की सतर्कता का नतीजा
पलामू जिले के पड़वा थाना क्षेत्र में पुलिस ने मंगलवार रात को यह कार्रवाई की। थाना प्रभारी चंद्रशेखर यादव और पुलिस निरीक्षक अनिल कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि पुलिस अधीक्षक रिष्मा रमेशन के निर्देश पर पुलिस ने दिन-रात गश्त तेज कर दी है। इसी क्रम में पड़वा वन विभाग के नाका के पास पुलिस गश्त कर रही थी, जब उन्हें एक संदिग्ध वाहन दिखाई दिया।
शराब की खेप उत्तर प्रदेश से लाई जा रही थी
पुलिस ने बताया कि यह वाहन उत्तर प्रदेश से आ रहा था और इसे पलामू में लाकर स्टॉक किया जा रहा था। शक होने पर जब पुलिस ने वाहन को रोकने की कोशिश की, तो चालक वाहन को नहीं रोक पाया और भागने का प्रयास किया। पुलिस ने वाहन का पीछा किया, लेकिन चालक अंधेरे का लाभ उठाकर फरार हो गया। जब पुलिस ने वाहन की तलाशी ली, तो उसमें बड़ी मात्रा में शराब की पेटियाँ पाई गईं।
चुनाव में शराब का इस्तेमाल होने की थी आशंका
थाना प्रभारी चंद्रशेखर यादव ने बताया कि वाहन में मौजूद शराब की पेटियाँ उत्तर प्रदेश से लाई गई थीं। पुलिस को आशंका है कि यह शराब विधानसभा चुनाव के दौरान अवैध रूप से बांटी जाने वाली थी, ताकि चुनाव के नतीजों को प्रभावित किया जा सके। पेटियों पर “सेल फार उत्तर प्रदेश” लिखा हुआ था, जिससे यह पुष्टि होती है कि शराब को दूसरे राज्य से तस्करी कर लाया जा रहा था।
शराब की कीमत 6 लाख रुपये
पुलिस ने कुल 6 लाख रुपये की शराब जब्त की है। इसमें एक कंपनी की 29 पेटियाँ बरामद की गई हैं, जिसमें प्रत्येक पेटी में 12 बोतलें थीं। इसके अलावा, दूसरी कंपनी की 68 कार्टन बरामद की गईं, जिनमें कुल 3264 शराब की बोतलें थीं। इस पूरे स्टॉक की कीमत लगभग छह लाख रुपये आंकी गई है।
शराब को छुपाने के लिए वाहन में रखे गए सब्जियों के खाली कैरेट
तस्करों ने शराब को छिपाने के लिए एक अनोखी तरकीब अपनाई थी। उन्होंने शराब की पेटियों के ऊपर सब्जियों के खाली कैरेट रख दिए थे ताकि किसी को संदेह न हो। लेकिन पुलिस की सतर्कता और सतर्क गश्ती के चलते यह चाल सफल नहीं हो पाई। मौके पर पुलिस अवर निरीक्षक जितेन्द्र कुमार यादव, विजय प्रसाद मेहता और नवल किशोर सिंह भी मौजूद थे, जिन्होंने इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
निष्कर्ष
यह सफलता चुनाव से ठीक पहले पुलिस के सतर्क प्रयासों का परिणाम है। अवैध शराब की तस्करी न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि यह चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने का एक बड़ा हथकंडा भी है। ऐसे में पुलिस की यह कार्रवाई चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। पुलिस की सक्रियता और चाक-चौबंद व्यवस्था ने यह सुनिश्चित किया है कि चुनाव के दौरान किसी भी तरह की अवैध गतिविधियों को रोका जा सकेगा।
इस तरह की कार्रवाइयाँ चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने में मददगार साबित होंगी और जनता का विश्वास लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर बना रहेगा।