रांची, 24 दिसंबर 2024:
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित “प्रयागराज महाकुम्भ 2025” के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को औपचारिक आमंत्रण दिया गया है। यह आमंत्रण उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा (कैबिनेट) मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और कारागार (राज्यमंत्री) सुरेश राही ने रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में मुलाकात के दौरान सौंपा।

मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से निमंत्रण पत्र, पवित्र गंगाजल और महाकुम्भ का प्रतीक चिन्ह भेंट किया। यह आमंत्रण भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के इस भव्य आयोजन में झारखंड की भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

महाकुम्भ का महत्व

प्रयागराज महाकुम्भ भारतीय संस्कृति और आस्था का सबसे बड़ा उत्सव है। यह आयोजन हर 12 वर्षों में प्रयागराज में त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम) पर होता है। इस आयोजन को धर्म, संस्कृति और सामाजिक एकता का अनूठा संगम माना जाता है। महाकुम्भ न केवल भारत, बल्कि दुनियाभर के श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

महाकुम्भ 2025 में करोड़ों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों, संतों, विद्वानों और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों को आमंत्रित किया जा रहा है।

मुलाकात का सार

मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आमंत्रण स्वीकार करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ जैसे आयोजन भारतीय संस्कृति के वैश्विक प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभाते हैं। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों योगेंद्र उपाध्याय और सुरेश राही को झारखंड की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर धन्यवाद व्यक्त किया।

महाकुम्भ: आस्था और विकास का संगम

महाकुम्भ का आयोजन धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह आयोजन लाखों लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करता है और मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों से देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन होता है।

इसके अलावा, यह आयोजन राज्यों के बीच सहयोग और एकता को बढ़ावा देता है। विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों का इस आयोजन में भाग लेना न केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करता है, बल्कि राज्यों के बीच आपसी संबंधों को भी मजबूत करता है।

महाकुम्भ 2025 की तैयारियां

उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुम्भ के लिए विशेष तैयारियां शुरू की हैं। इसके तहत बुनियादी ढांचे का विकास, पर्यावरण संरक्षण, यातायात व्यवस्था और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रयागराज में श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी शहर बसाने की योजना है, जिसमें आधुनिक सुविधाओं के साथ पारंपरिक भारतीय आतिथ्य को भी शामिल किया जाएगा।

निष्कर्ष

महाकुम्भ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, आस्था और एकता का प्रतीक है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का इसमें आमंत्रित होना राज्य की सांस्कृतिक भागीदारी को दर्शाता है। यह आयोजन न केवल भारतीय परंपराओं को संरक्षित और प्रोत्साहित करेगा, बल्कि विभिन्न राज्यों और समुदायों के बीच सद्भाव और एकजुटता को भी मजबूत करेगा।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version