आज के दौर में सोशल मीडिया और इंटरनेट ने जहां दुनिया को पास लाने का काम किया है, वहीं इसके ज़रिये लोग अपनी छवि को मनमाने तरीके से प्रस्तुत करने में भी सक्षम हो गए हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तराखंड के मसूरी से सामने आया है, जिसमें एक किराने की दुकान पर काम करने वाले युवक ने शादी के लिए फ़र्ज़ी आईपीएस अधिकारी बनने का नाटक किया। सुनील कुमार नामक इस युवक ने लड़की और उसके परिवार को प्रभावित करने के लिए अपने आपको कभी पुलिस अधिकारी, कभी इनकम टैक्स विभाग का कर्मचारी और अंत में एक आईपीएस अधिकारी बताया।

कैसे रचा गया ये धोखा?

सुनील कुमार मसूरी में एक किराने की दुकान पर काम करता था। शादी के लिए लड़की की सहमति प्राप्त करने के प्रयास में, उसने खुद को राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल और फिर इनकम टैक्स विभाग में अधिकारी बताया। लेकिन जब इससे बात नहीं बनी, तो उसने दावा किया कि उसका चयन आईपीएस अधिकारी के तौर पर हो गया है। इस झूठ को और प्रभावी बनाने के लिए सुनील मसूरी के आईपीएस ट्रेनिंग सेंटर के बाहर जाकर तस्वीरें खींचता और उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट करता रहा। इन तस्वीरों को देखकर लड़की का परिवार मान गया कि वह वास्तव में एक आईपीएस अधिकारी है, और दोनों की सगाई तय हो गई।

असलियत का खुलासा और रिश्ता टूटना

कुछ समय बाद, सुनील की यह जालसाजी खुल गई। असलियत का पता चलते ही लड़की का परिवार हैरान रह गया और यह रिश्ता तुरंत समाप्त कर दिया गया। इस घटना ने दिखाया कि आज की डिजिटल दुनिया में किस तरह लोग झूठ और धोखे का सहारा लेकर अपनी छवि को बदलने की कोशिश करते हैं।

समाज पर असर

इस तरह की घटनाएँ समाज में विश्वास और पारिवारिक मूल्यों पर गहरा असर डालती हैं। शादी जैसे रिश्ते में ईमानदारी और पारदर्शिता आवश्यक हैं। ऐसे मामले सामने आने से अन्य लोग भी सतर्क रहते हैं और भविष्य में ऐसे धोखेबाजों से बचने की कोशिश करते हैं।

इस प्रकार के जालसाजों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

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