रांची: बिहार के वरिष्ठ नेता और समाजसेवी सरयू राय पर गंभीर आरोप लगाते हुए मनोज सिंह ने उनकी राजनीतिक और व्यक्तिगत जिंदगी पर कई सवाल खड़े किए हैं। मनोज सिंह, जो खुद एक ठेकेदार और समाजसेवी हैं, ने दावा किया है कि सरयू राय भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हुए एनजीओ की आड़ में निजी लाभ कमाए। इसके साथ ही, उन्होंने सरयू राय के व्यक्तिगत संबंधों और उनकी पत्नी को लेकर भी गंभीर बातें साझा की हैं।

मनोज सिंह ने लगाया सीधा आरोप

मनोज सिंह ने कहा कि सरयू राय का राजनीतिक सफर एक साधारण इंसान से शुरू हुआ था। 1990 के दशक में राय रांची आए थे, जहां वे आर्थिक तंगी और बेरोजगारी का सामना कर रहे थे। उनके पास मात्र एक कुर्ता, पैजामा, एक झोला और एक टूटी हुई चप्पल थी। लेकिन कुछ सालों बाद, उन्होंने एक एनजीओ के माध्यम से आर्थिक रूप से अपनी स्थिति को मजबूत किया।

मनोज सिंह ने यह भी दावा किया कि राय के करीबी बीके सिंह ने उनकी सहायता की और उन्हें गुमला से रांची लाया। बीके सिंह, जो मनोज सिंह के साडू (रिश्तेदार) थे, ने सर्जू राय के लिए रोजगार और आर्थिक सहायता की व्यवस्था की।

एनजीओ के जरिए आर्थिक उन्नति

मनोज सिंह के अनुसार, सरयू राय और बीके सिंह ने 1992 में एक एनजीओ की स्थापना की, जिसका नाम “ग्रामिया” था। इस एनजीओ के माध्यम से दोनों ने बिहार सरकार की परियोजनाओं से फंड प्राप्त करना शुरू किया। मनोज सिंह ने आरोप लगाया कि इन फंड्स का उपयोग प्लांटेशन और अन्य परियोजनाओं के नाम पर किया गया, लेकिन अधिकांश फंड का इस्तेमाल व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया।

मनोज सिंह ने बताया कि प्लांटेशन के लिए मिलने वाले फंड में केवल 10-20% काम हुआ, जबकि 80% पैसा व्यक्तिगत उपयोग के लिए लिया गया। इस भ्रष्टाचार का आरंभिक दौर 1990 के दशक में शुरू हुआ और आगे चलकर बड़े पैमाने पर फंड का दुरुपयोग हुआ।

महिला मित्र का जिक्र

मनोज सिंह ने सरयू राय के निजी जीवन पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि सरयू राय के साथ एक महिला मित्र, जिसका नाम मधु था, अक्सर देखी जाती थी। मधु एक विधवा महिला थी और राय के एक दोस्त की पत्नी थी, जिनका निधन हो गया था। मनोज सिंह के अनुसार, सरयू राय ने इस महिला को एनजीओ की गवर्निंग बॉडी में शामिल किया और उनके साथ करीबी संबंध बनाए।

मनोज सिंह का यह दावा है कि राय और मधु के संबंध तब से थे जब वे गुमला में संघर्ष कर रहे थे, और बाद में रांची में उन्होंने अपने इन संबंधों को मजबूत किया। इस मामले को लेकर मनोज सिंह ने सरयू राय के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई है।

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मनोज सिंह का चैलेंज

मनोज सिंह ने सरयू राय को खुली चुनौती दी है और कहा है कि अगर उनके पास अपनी बेगुनाही के सबूत हैं, तो वे उन्हें सामने रखें। उन्होंने आरोप लगाया कि सरयू राय ने लालू यादव के डर से इस्तीफा दिया और अब वे राजनीतिक भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे हुए हैं।

मनोज सिंह ने यह भी कहा कि उन्होंने इस पूरे मामले का सुचक होते हुए एफआईआर दर्ज कराई है और वे किसी भी कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने सरयू राय के खिलाफ भ्रष्टाचार और निजी संबंधों से जुड़े गंभीर आरोप लगाए हैं, और वे अपने दावों पर अडिग हैं।

निष्कर्ष

मनोज सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों ने बिहार की राजनीति में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। सरयू राय, जो बिहार की राजनीति के एक महत्वपूर्ण चेहरा रहे हैं, पर इन आरोपों से उनकी छवि को भारी नुकसान पहुंच सकता है। अब यह देखना होगा कि इन आरोपों पर राय की प्रतिक्रिया क्या होती है और कानूनी जांच में क्या सच्चाई सामने आती है।

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