रांची में छठ पर्व का शुभारंभ आज संध्या के घाट पर हुआ, जहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा के मद्देनज़र NDRF (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की टीम घाटों पर तैनात है और सुरक्षा का जायजा ले रही है। छठ पूजा के इस पावन अवसर पर विभिन्न घाटों पर श्रद्धालु सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के लिए जुट रहे हैं।
गाँधीनगर गेट पर माहछठ पूजा समिति का आयोजन
गाँधीनगर गेट पर स्थित महाव्रत पूजा समिति द्वारा छठ पूजा का भव्य आयोजन किया गया है। इस आयोजन का नेतृत्व समिति के अध्यक्ष अखिलेश राय और कार्यकारी अध्यक्ष विशाल सिंह कर रहे हैं। वे स्वयं छठ घाट पर समस्त व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रहे हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। समिति ने घाटों की साफ-सफाई, सुरक्षा, जल की शुद्धता, और रोशनी की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया है, जिससे पूजा का कार्यक्रम व्यवस्थित ढंग से संपन्न हो सके।
छठ पूजा का महत्त्व
छठ पूजा झारखंड, बिहार समेत समस्त भारत में श्रद्धा और आस्था का प्रमुख पर्व है, जिसमें लोग भगवान सूर्य की आराधना करते हैं। इस पावन अवसर पर लोग नदी, तालाब या घाटों पर एकत्र होकर सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करते हैं और अपने परिवार तथा समाज के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं। व्रतधारी महिलाएं कठिन उपवास रखती हैं और संध्याकालीन अर्घ्य से लेकर प्रातःकालीन अर्घ्य तक अपनी आस्था को दर्शाती हैं।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं
महाव्रत पूजा समिति द्वारा विशेष रूप से व्रतधारियों और श्रद्धालुओं के लिए घाटों पर शुद्ध जल और प्रकाश की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें भीड़ को व्यवस्थित रखने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद हैं। इस दौरान कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं, जो श्रद्धालुओं की सहायता में लगी हुई हैं।
रांची में छठ पूजा की धूम
रांची शहर में इस वर्ष छठ पूजा को बड़े हर्षोल्लास और भक्तिभाव के साथ मनाया जा रहा है। श्रद्धालुओं के उत्साह को देखते हुए जगह-जगह पर रंग-बिरंगी सजावट की गई है, जो पर्व के महत्त्व और सौंदर्य को और भी बढ़ा रही है। पूरे रांची में छठ पर्व का माहौल छाया हुआ है, और इस अवसर पर भक्तजन सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित कर अपनी आस्था को प्रकट कर रहे हैं।
इस प्रकार रांची में छठ पूजा का आयोजन अत्यंत भव्य और सुरक्षित ढंग से हो रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं की आस्था, समिति की व्यवस्थाएं और प्रशासन का सहयोग सभी की एकता और समर्पण को दर्शा रहा है।