झारखंड की राजधानी रांची के नगड़ी थाना क्षेत्र में हुए दोहरे हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। सरस्वती पूजा विसर्जन के दौरान हुई इस वारदात का कारण जमीनी विवाद निकला। हैरान करने वाली बात यह है कि हत्या में इस्तेमाल की गई AK-47 जम्मू-कश्मीर में तैनात एक सेना के जवान ने चुराई थी और फिर उसे रांची लाकर इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और अन्य की तलाश जारी है।

जमीन विवाद बना खूनी खेल की वजह

जानकारी के मुताबिक, नगड़ी के कतरपा इलाके में चार फरवरी को सरस्वती पूजा विसर्जन के दौरान चाचा-भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतकों की पहचान बुधराम मुंडा और मनोज मुंडा के रूप में हुई। इस हत्याकांड की जड़ में एक पुराना जमीन विवाद था। सेना के जवान मनोहर टोप्पो ने अपने रिश्तेदार शनिचर मुंडा से 26 डिसमिल जमीन खरीदी थी और इसके लिए उसे 2015-16 में चार लाख रुपये भी दिए थे। लेकिन, कुछ समय बाद शनिचर मुंडा की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।

इसके बाद मनोहर टोप्पो जमीन की रजिस्ट्री करवाना चाहता था, लेकिन बुधराम मुंडा ने बार-बार पैसे लेने के बावजूद रजिस्ट्री नहीं कराई। इससे नाराज होकर उसने हत्या की साजिश रच डाली। मनोहर ने पुलिस को बताया कि उसका मकसद केवल बुधराम को मारना था, लेकिन जब मनोज बीच-बचाव के लिए आया तो उसे भी गोली मार दी गई।

सेना की AK-47 चुराकर बस से रांची लाया

हत्या की साजिश को अंजाम देने के लिए मनोहर टोप्पो ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में अपनी यूनिट से AK-47 चोरी कर ली। इसके बाद उसने साथी सुनील कच्छप की मदद से इस राइफल को बस के जरिए रांची पहुंचाया। फिर योजना बनाकर चार फरवरी को सरस्वती विसर्जन के दौरान बुधराम और मनोज को गोली मार दी गई।

पुलिस की जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी

हत्या के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। घटनास्थल से बरामद नंबर प्लेट के आधार पर पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले। एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा के नेतृत्व में टीम ने कार्रवाई करते हुए मनोहर टोप्पो और सुनील कच्छप को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से एक AK-47 राइफल, छह गोलियां और एक कार बरामद की गई है।

पुलिस को इस हत्याकांड में सचिन मिंज और निर्मल मुंडा उर्फ अमर की भी संलिप्तता का संदेह है। उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

क्या आगे होगी और गिरफ्तारियां?

पुलिस को शक है कि इस घटना में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। सेना की हथियार चोरी कर हत्या करने का यह मामला गंभीर बन गया है, इसलिए सुरक्षा एजेंसियां भी इसमें नजर बनाए हुए हैं। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि AK-47 की चोरी अकेले मनोहर टोप्पो ने की थी या इसमें कोई और भी शामिल था।

निष्कर्ष

रांची के इस दोहरे हत्याकांड ने एक बार फिर जमीन विवाद से जुड़े अपराधों को उजागर किया है। सेना के हथियार का इस्तेमाल कर हत्या को अंजाम देना सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। पुलिस ने अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और बाकी की तलाश जारी है। इस मामले में आगे भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

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