राजधानी रांची में आयोजित एक प्रेस वार्ता में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के चुनाव में 2019 की तुलना में अधिक प्रत्याशी मैदान में हैं। इस बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग ने आवश्यक मात्रा में ईवीएम मशीनों का प्रबंध किया है ताकि मतदान प्रक्रिया में किसी प्रकार की कठिनाई न हो। स्वच्छ, निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

प्रथम चरण के नाम वापसी और दूसरे चरण की स्क्रूटनी

प्रथम चरण के लिए नाम वापसी की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है। इसके साथ ही दूसरे चरण के नामांकन पत्रों की जांच (स्क्रूटनी) की जा रही है। स्क्रूटनी के दौरान कुछ प्रत्याशियों को सूचनाओं के लिए शुक्रवार को बुलाया गया है, जिसके बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि कितने प्रत्याशियों के नामांकन सही पाए गए हैं।

आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई

आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर अब तक कुल 22 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं, और इन मामलों में कार्रवाई जारी है। राज्य में आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक 121.14 करोड़ रुपये के अवैध सामान और नकदी जब्त की गई है। इस जब्ती में राज्य पुलिस की बड़ी भूमिका रही है। खासतौर पर खूंटी जिला, गिरिडीह और पूर्वी सिंहभूम जैसे जिले अवैध सामानों की जब्ती में सबसे आगे हैं, जिनमें खूंटी में 3.03 करोड़, गिरिडीह में 2.80 करोड़, और पूर्वी सिंहभूम में 1.97 करोड़ रुपये के अवैध सामान जब्त किए गए हैं।

निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आयोग का संकल्प

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के अनुसार, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना आयोग की प्राथमिकता है। अवैध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस और प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित किया गया है। सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को आदर्श आचार संहिता के दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है ताकि चुनाव प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा न आए।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इस वर्ष प्रत्याशियों की संख्या में वृद्धि के कारण चुनावी मुकाबला और अधिक रोचक हो गया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चरणों में प्रत्याशियों और उनके दलों की क्या रणनीतियां होंगी और वे किस प्रकार मतदाताओं का समर्थन प्राप्त करने का प्रयास करेंगे।

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