झारखंड के पलामू जिले में पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता हाथ लगी है। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी (CPI Maoist) के छिपाए गए भारी मात्रा में हथियारों का एक बड़ा डंप पुलिस ने बरामद किया है। इन हथियारों में AK-47, SLR, इंसास राइफलें और बड़ी संख्या में कारतूस शामिल हैं। यह बरामदगी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन के तहत की गई है।

पलामू पुलिस का सर्च अभियान
पुलिस को सूचना मिली थी कि पलामू के पिपरा इलाके की पहाड़ियों में नक्सलियों द्वारा भारी मात्रा में हथियारों का डंप छिपा कर रखा गया है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने सर्च अभियान चलाया और हथियारों के इस बड़े भंडार का पता लगाया। हथियारों को जमीन के अंदर पुराने बर्तनों में छिपा कर रखा गया था, ताकि उन पर किसी की नजर न पड़े।

पुलिस द्वारा बरामद किए गए हथियारों में AK-47, SLR, इंसास राइफलें और अन्य अत्याधुनिक हथियार शामिल हैं। इसके साथ ही, करीब 1000 कारतूस भी बरामद किए गए हैं, जिन्हें बर्तनों में छिपाया गया था। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इन हथियारों का इस्तेमाल माओवादी किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम देने के लिए करने वाले थे।

माओवादियों की साजिश नाकाम
पुलिस को संदेह है कि यह इलाका माओवादी नेता नितेश यादव का प्रभाव क्षेत्र है, जो भाकपा माओवादी का रीजनल कमेटी सदस्य है और उस पर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित है। इस बात की प्रबल आशंका है कि नक्सलियों ने इस इलाके में बड़े हमले की योजना बनाई थी और हथियारों का यह भंडार उसी साजिश का हिस्सा था।

नक्सलियों द्वारा हथियारों का भंडारण पहाड़ी इलाकों में करना इस बात का संकेत है कि वे भविष्य में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। पुलिस की सतर्कता और सर्च अभियान की वजह से उनकी इस साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया गया।

पुलिस का अभियान जारी
पलामू पुलिस के इस ऑपरेशन से यह साफ हो गया है कि नक्सली अभी भी हथियारों का बड़ा जखीरा अपने पास रख रहे हैं और भविष्य में किसी भी तरह के बड़े हमले की तैयारी में हैं। हालांकि, पुलिस ने इस साजिश का पर्दाफाश कर नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। पुलिस का सर्च अभियान अब भी जारी है, और पुलिस को उम्मीद है कि इस इलाके से और भी हथियार और गोला-बारूद बरामद हो सकते हैं।

सूत्रों के अनुसार, मौके से 1000 से अधिक गोलियां और एक थ्री नॉट थ्री रायफल भी बरामद की गई हैं। पुलिस के इस ऑपरेशन से यह साफ संकेत मिलते हैं कि नक्सली अब भी अपनी आपराधिक गतिविधियों को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

नक्सलियों के खिलाफ बढ़ी सख्ती
यह बरामदगी झारखंड पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इससे माओवादी हिंसा को रोकने में मदद मिलेगी। नक्सली संगठनों के खिलाफ राज्य और केंद्र सरकार की ओर से लगातार सख्ती बरती जा रही है। सुरक्षा बलों द्वारा नियमित रूप से चलाए जा रहे सर्च अभियान नक्सलियों के हथियारों के जखीरे को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

इस कार्रवाई के बाद यह साफ हो गया है कि नक्सली संगठन अभी भी हथियारों की तस्करी और भंडारण कर रहे हैं। हालांकि, पुलिस और सुरक्षा बलों की बढ़ती सतर्कता और सख्त कार्रवाई के चलते नक्सलियों के इरादों को नाकाम किया जा रहा है।

निष्कर्ष
पलामू पुलिस की यह बड़ी कामयाबी नक्सलियों के खिलाफ जारी अभियान की सफलता का प्रतीक है। यह घटना यह साबित करती है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस और सुरक्षा बल पूरी तरह से सतर्क हैं और किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने से पहले ही नाकाम करने के लिए तैयार हैं। नक्सलियों के हथियारों का यह बड़ा जखीरा जब्त होना न केवल माओवादी संगठनों के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि क्षेत्र की सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

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