रांची: अयोध्या। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को भाजपा पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें मिल्कीपुर उपचुनाव में पार्टी की स्थिति को सुदृढ़ करने पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री अपने चार मंत्रियों के साथ मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए जोर-शोर से मोर्चा संभाले हुए हैं। इस दौरान उन्होंने सभी प्रकोष्ठों, मंडलों, मोर्चा, विभागों और शक्ति केंद्रों के पदाधिकारियों की उपस्थिति और समर्पण का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री की नाराजगी की वजह
बैठक की शुरुआत होते ही मुख्यमंत्री ने भाजपा के विभिन्न प्रकोष्ठों, मंडलों, और विभागों के पदाधिकारियों से जानकारी लेना शुरू किया। बैठक में पूर्व सांसद लल्लू सिंह और जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह टिल्लू सहित कई प्रमुख पदाधिकारियों की अनुपस्थिति से मुख्यमंत्री नाराज हो गए। जब मुख्यमंत्री ने इनके बारे में पूछताछ की, तो पता चला कि इन पदाधिकारियों को बैठक की जानकारी ही नहीं दी गई थी। इस समन्वय की कमी ने मुख्यमंत्री को निराश कर दिया, जबकि लल्लू सिंह और अन्य जनसभा में उपस्थित थे और उनका नाम भी उपस्थित सूची में शामिल था।
पार्टी पदाधिकारियों की अनुपस्थिति पर सीएम का कड़ा रुख
सूत्रों के अनुसार, बैठक में कुल 329 लोगों को उपस्थित रहना था, लेकिन आधे से अधिक पदाधिकारी अनुपस्थित रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि वे आपसी मतभेदों को भूलकर भाजपा की जीत के लिए एकजुट होकर कार्य करें। उन्होंने कहा, “किसी भी स्थिति में मिल्कीपुर का उपचुनाव जीतना है। सभी मंडलों, प्रकोष्ठों, विभागों, शक्ति केंद्रों और मोर्चा के पदाधिकारी आपसी मनमुटाव छोड़कर समन्वय बनाएं और पार्टी हित में कार्य करें।”
मुख्यमंत्री ने बैठक की शुरुआत में ही पार्टी के विभिन्न प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों से व्यक्तिगत तौर पर बात की और उन्हें निर्देश दिए। बैठक के दौरान यह भी सामने आया कि पूर्व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय और सहकारिता प्रकोष्ठ के संयोजक धर्मेंद्र सिंह टिल्लू सहित कई अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारी भी बैठक में मौजूद नहीं थे। मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सूचना देने और समन्वय में कमी को सुधारना आवश्यक है।
वोट बढ़ाने का टास्क
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पदाधिकारियों को 30 सितंबर तक सात हजार वोट बढ़ाने का टास्क दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि मतदाता सूची की जांच करें और सुनिश्चित करें कि जिनका नाम किसी कारणवश कट गया है, उन्हें फिर से सूची में शामिल किया जाए। उन्होंने युवाओं से संपर्क कर उन्हें मतदाता बनाने की अपील भी की।
मिल्कीपुर क्षेत्र में भाजपा को पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में क्रमशः 13 हजार और 8 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में मुख्यमंत्री ने इस उपचुनाव को पार्टी के लिए बेहद अहम बताया और कहा कि जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी को मिलकर मेहनत करनी होगी।
समन्वय की कमी का मुद्दा
बैठक में समन्वय की कमी का मुद्दा भी जोर-शोर से उठा। मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि पार्टी की जीत तभी संभव है जब सभी एकजुट होकर काम करें और संचार में किसी भी तरह की खामी न हो। योगी ने पार्टी के पदाधिकारियों को आह्वान किया कि वे समन्वय बनाकर काम करें और किसी भी तरह की व्यक्तिगत रंजिश को भुलाकर पार्टी की जीत सुनिश्चित करें।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बैठक से स्पष्ट है कि भाजपा मिल्कीपुर उपचुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। लल्लू सिंह और अन्य प्रमुख पदाधिकारियों की गैरमौजूदगी ने समन्वय की कमी को उजागर किया, जिसे सुधारने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री का यह आह्वान कि सभी को मिलकर काम करना होगा, पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। अब देखना होगा कि पार्टी पदाधिकारी किस तरह से इन निर्देशों का पालन करते हैं और उपचुनाव में भाजपा की जीत को सुनिश्चित करते हैं।