रांची, 24 दिसंबर 2024:
झारखंड सरकार ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इन फैसलों का उद्देश्य राज्य के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों, शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं और न्यायिक प्रक्रियाओं को मजबूती प्रदान करना है।

सरकारी कर्मियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत

राज्य सरकार ने सातवें केंद्रीय वेतनमान के तहत दिनांक 01.07.2024 से महंगाई भत्ते (DA) में वृद्धि की स्वीकृति दी। सरकारी कर्मियों को अब 53% महंगाई भत्ता मिलेगा। इसी प्रकार, पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनधारियों को भी 53% महंगाई राहत प्रदान की गई है। यह कदम राज्य के हजारों कर्मियों और पेंशनभोगियों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करेगा।

शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम

प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (PM-USHA) के अंतर्गत, विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के लिए ₹99.56 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। यह निधि विश्वविद्यालय में बहु-अनुशासनात्मक शिक्षा और शोध सुविधाओं (MERU) के विकास के लिए उपयोग की जाएगी, जो उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुधार का मार्ग प्रशस्त करेगी।

न्यायिक आदेशों का अनुपालन

सरकार ने विभिन्न न्यायिक आदेशों का अनुपालन करते हुए महत्वपूर्ण कदम उठाए:
•⁠ ⁠रिम्स के एफएमटी विभाग के सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ. तुलसी महतो को भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति दी गई।
•⁠ ⁠सहायक खनन पदाधिकारियों की सेवा संपुष्टि और वेतनवृद्धि के लिए सेवा नियमावली में आवश्यक छूट दी गई। यह फैसला झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत लिया गया है।

स्वास्थ्य सेवाओं और श्रमिक कल्याण पर ध्यान

•⁠ ⁠भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट को झारखंड विधानसभा के आगामी सत्र में प्रस्तुत करने की स्वीकृति दी गई।
•⁠ ⁠यह रिपोर्ट झारखंड में सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकारों के कल्याण के विषय पर आधारित है। इससे स्वास्थ्य और श्रमिक कल्याण क्षेत्र में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाने की संभावना है।

झारखंड विधानसभा के सत्र का समापन

मंत्रिपरिषद ने झारखंड विधानसभा के छठे सत्र (9 दिसंबर 2024 से 12 दिसंबर 2024 तक) के सत्रावसान की स्वीकृति प्रदान की।

वित्तीय लेखा प्रस्तुतिकरण

वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए नियंत्रक महालेखापरीक्षक (CAG) की वित्तीय लेखा रिपोर्ट और विनियोग लेखे से संबंधित लेखा प्रतिवेदन को भी झारखंड विधानसभा के आगामी सत्र में प्रस्तुत करने की मंजूरी दी गई।

महत्वपूर्ण संदेश

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की सरकार के ये निर्णय न केवल प्रशासनिक दक्षता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि राज्य के विकास और जनकल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय और कर्मचारी कल्याण से जुड़े ये फैसले झारखंड के समग्र विकास में मील का पत्थर साबित होंगे।


यह निर्णय झारखंड को एक सुदृढ़ और समावेशी राज्य बनाने की दिशा में सरकार के निरंतर प्रयासों का प्रमाण है।

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