रांची, 09 जनवरी 2025
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन और केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी किशन रेड्डी की उपस्थिति में कोयला खनन से जुड़े मुद्दों और उनके समाधान को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, कोयला मंत्रालय और कोल इंडिया के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोयला खनन से संबंधित समस्याओं को सुलझाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर कार्य करना चाहिए।

मुख्य बिंदु:

खनिज रॉयल्टी का बकाया भुगतान:

राज्य सरकार ने खनिज रॉयल्टी के 1.36 लाख करोड़ रुपये के बकाया भुगतान की मांग रखी। मुख्यमंत्री ने परियोजनावार बकाया राशि का विवरण प्रस्तुत किया। केंद्रीय मंत्री ने इस पर सहमति जताते हुए बकाया भुगतान के आकलन के लिए केंद्र और राज्य के अधिकारियों की एक टीम गठित करने का आश्वासन दिया।

विस्थापित रैयतों के लिए भागीदारी की पहल:

मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन परियोजनाओं में विस्थापित रैयतों को केवल मुआवजा और नौकरी देकर छोड़ देना पर्याप्त नहीं है। उन्हें परियोजनाओं में स्टेक होल्डर बनाना चाहिए। साथ ही, खनन परियोजनाओं में छोटे कार्यों के टेंडर स्थानीय विस्थापितों और युवाओं को दिए जाने चाहिए।

बंद पड़ी खदानों की जमीन वापस करने का आग्रह:

मुख्यमंत्री ने कहा कि बंद हो चुकी खदानों की जमीन राज्य सरकार को हस्तांतरित की जानी चाहिए। इससे अवैध खनन की घटनाओं को रोका जा सकेगा और इन जमीनों का सदुपयोग किया जा सकेगा।

सीएसआर और डीएमएफटी फंड के दायरे को बढ़ाने का सुझाव:

मुख्यमंत्री ने कोयला कंपनियों द्वारा सीएसआर गतिविधियों का दायरा 20 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने और डीएमएफटी फंड का अधिक प्रभावी उपयोग करने पर जोर दिया।

पर्यावरण और स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान:

मुख्यमंत्री ने झरिया में कोयला खदानों में लगी आग और जादूगोड़ा में यूरेनियम खनन से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर ध्यान देने की अपील की। केंद्रीय मंत्री ने इन समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री के सुझाव:

  1. कोयला कंपनियां स्थायी प्रशिक्षण केंद्र खोलें और स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित करें।
  2. माइनिंग कार्यों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
  3. निजी कोयला ब्लॉकों में स्थानीय युवाओं को रोजगार दिया जाए।
  4. झारखंड में माइनिंग टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पहल की जाए।
  5. कोल इंडिया का मुख्यालय झारखंड में स्थापित किया जाए।

बैठक में भाग लेने वाले प्रमुख अधिकारी:

बैठक में राज्य की मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी, केंद्रीय कोयला सचिव श्री विक्रम देव, कोल इंडिया के अध्यक्ष श्री पी.एम. प्रसाद, सीसीएल, बीसीसीएल, ईसीएल के सीएमडी और कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

निष्कर्ष:
यह बैठक कोयला खनन से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण पहल थी। मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के नेतृत्व में लिए गए निर्णयों से न केवल खनन परियोजनाओं का सुचारू संचालन होगा, बल्कि विस्थापितों और स्थानीय लोगों के हितों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version