रांची, 3 जनवरी 2025
राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव 2024-25, जो झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है, में शुक्रवार को जबरदस्त भीड़ देखी गई। मेले में स्केचिंग के जीवंत प्रदर्शन और खादी फैशन शो जैसे आयोजन लोगों के आकर्षण का केंद्र बने। लगभग 10 हजार लोगों ने मेले का आनंद लिया और विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया।

खादी उत्पादों की भारी मांग

मेले में झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के स्टॉल पर खादी से बने परिधानों की जबरदस्त मांग देखी गई। पुरुषों के लिए सूती, रेशमी, ऊनी बंडी, कुर्ता-पजामा, मफलर और शॉल जैसे उत्पाद पसंद किए जा रहे हैं। वहीं, महिलाओं के लिए मधुबनी प्रिंटेड, सोहराई प्रिंटेड और डिजिटल प्रिंटेड साड़ियों की भी काफी मांग है।

कला प्रदर्शन और बच्चों की भागीदारी

रांची के कलाकार रोशन कुमार द्वारा स्केचिंग का जीवंत प्रदर्शन दर्शकों को खूब पसंद आया। ब्लैक एंड व्हाइट पेंटिंग की शुरुआत 500 रुपये से हो रही है, जबकि रंगीन पेंटिंग की कीमत थोड़ी अधिक है। साबरमती आश्रम की जीवंत प्रदर्शनी में गांधीजी से जुड़ी जानकारियां बच्चों और युवाओं को आकर्षित कर रही हैं।

बच्चों के लिए आयोजित फेस पेंटिंग और रंगोली प्रतियोगिता में विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में विजेताओं को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

खादी फैशन शो: परंपरा और आधुनिकता का संगम

Times of India के सहयोग से आयोजित “खादी फैशन शो” मेले का मुख्य आकर्षण रहा। फैशन शो में “Heritage Revival Collection” और “Tribal Fusion Collection” जैसे राउंड आयोजित किए गए, जिनमें आदिवासी परंपराओं को खादी के आधुनिक परिधानों के साथ जोड़ा गया। मॉडलों ने खादी से बने धोती, कुर्ता, साड़ी और अन्य परिधानों में कैटवॉक किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रंगीन प्रस्तुति

कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सरायकेला छऊ नृत्य और भजन-गज़ल गायन की शानदार प्रस्तुतियां दी गईं। दर्शकों ने इन कार्यक्रमों का भरपूर आनंद लिया।

कल का कार्यक्रम

शनिवार, 4 जनवरी 2025 को खादी बोर्ड द्वारा Mrs. Khadi Fashion Show का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही, नृत्य नाटिका और ग्रुप डांस की प्रस्तुति होगी। बच्चों के लिए दो आयु वर्ग में गायन प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। प्रतिभागियों को सुबह 11 बजे तक पंजीकरण कराने की सूचना दी गई है।

राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव न केवल खादी उत्पादों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ा रहा है, बल्कि सांस्कृतिक और कलात्मक आयोजनों के माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का संदेश भी दे रहा है।

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