रांची – झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) ने शुक्रवार को 11वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा-2023 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है। इस प्रतिष्ठित परीक्षा में बाघमारा के आशीष अक्षत ने टॉप किया है, जबकि खूंटी के अभय कुजूर दूसरे स्थान पर रहे। महिलाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए स्वेता ने पांचवां स्थान प्राप्त किया और टॉप-10 में जगह बनाई।
342 उम्मीदवारों का चयन, टॉपर को पुलिस सेवा
जेपीएससी के अनुसार, कुल 342 अभ्यर्थियों को विभिन्न प्रशासनिक और पुलिस सेवाओं में सफल घोषित किया गया है। आशीष अक्षत को पुलिस सेवा में चुना गया है, जबकि अभय कुजूर, रवि रंजन, गौतम गौरव और स्वेता को प्रशासनिक सेवाएं मिली हैं।
सामान्य कोटि में आरक्षित वर्ग के भी कई उम्मीदवार सफल
उल्लेखनीय है कि अनारक्षित वर्ग की 155 सीटों में से 63 पर आरक्षित वर्ग के प्रतिभाशाली उम्मीदवारों ने अपनी योग्यता के दम पर स्थान बनाया है। इनमें अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थी शामिल हैं। इसके अलावा 9 दिव्यांग अभ्यर्थियों का भी चयन किया गया है।
टॉप-10 सूची इस प्रकार है:
- आशीष अक्षत
- अभय कुजूर
- रवि रंजन कुमार
- गौतम गौरव
- स्वेता
- राहुल कुमार विश्वकर्मा
- [स्थान रिक्त / डेटा प्रतीक्षित]
- संदीप प्रकाश
- स्वाति केशरी
- [स्थान रिक्त / डेटा प्रतीक्षित]
प्रक्रिया का संक्षिप्त टाइमलाइन
जेपीएससी परीक्षा प्रक्रिया जनवरी 2024 से शुरू होकर जुलाई 2025 में समाप्त हुई। प्रारंभिक परीक्षा 17 मार्च को हुई थी और मेंस परीक्षा जून में आयोजित की गई। इंटरव्यू जून के मध्य तक चले और इसके करीब एक महीने बाद अंतिम परिणाम प्रकाशित हुआ।
महिलाओं की उत्कृष्ट भागीदारी
इस परीक्षा में महिलाओं की उपस्थिति सराहनीय रही। स्वेता, जो पहले से बिहार में राजस्व अधिकारी के रूप में कार्यरत थीं, ने पांचवां स्थान प्राप्त किया। वहीं, स्वाति केशरी ने भी टॉप-10 में नौवां स्थान हासिल करते हुए बीसी-2 कैटेगरी से डिप्टी कलेक्टर पद प्राप्त किया।
अभय कुजूर ने शहीद पिता का सपना किया पूरा
खूंटी के अभय कुजूर की कहानी प्रेरणादायक है। अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने दूसरा स्थान हासिल किया और प्रशासनिक सेवा प्राप्त की। वे अपने शहीद पिता अविनाश कुमार और मां सुशीला देवी के सपनों को साकार करने में सफल रहे।